भयमुक्त मतदान में पुलिस बलों की भूमिका अहम:डीसी
आदर्श मध्य विद्यालय कोडरमा में जिले के पुलिस पदाधिकारियों का चुनाव से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया।। प्रशिक्षण के दौरान जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त रमेश घोलाप एसपी एम तमिल वर्णन डीडीसी कोडरमा आलोक त्रिवेदी मुख्य रूप से मौजूद थे।
संवाद सहयोगी, कोडरमा: आदर्श मध्य विद्यालय कोडरमा में जिले के पुलिस पदाधिकारियों को चुनाव से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त रमेश घोलप, एसपी एम तमिलवाणन, डीडीसी कोडरमा आलोक त्रिवेदी मुख्य रूप से मौजूद थे। उपायुक्त ने कहा कि चुनाव में पुलिस बलों की अहम भूमिका होती है। पुलिस बल को ड्यूटी के दौरान यह भी सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति चुनाव के दिन बूथ पर किसी वोटर को परेशान न करें। वोटरों को जबरन वोट से रोकने, डराने, धमकाने जैसे मामलों में पुलिस को त्वरित एक्शन लेने की जरूरत है। वोटरों को भयमुक्त वातावरण देना भी चुनाव के दौरान कर्तव्य होता है। बूथ पर वोटर्स को वोट डालने के क्रम में किसी भी प्रकार का कोई दिक्कत न हो। उनकी सुरक्षा की जिम्मेवारी पुलिस बल पर होती है। उन्होंने सभी को कानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया तथा चुनाव शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष कराने में दायित्व निभाने की अपील की। एसपी ने कहा कि बूथ पर पूरी मुस्तैदी से कार्य करेंगे तथा कानून व्यवस्था बनाए रखेंगे। बूथों से 100 मीटर के अंदर किसी भी पार्टी का बैनर पोस्टर नहीं लगा होना चाहिए। इस बात का ध्यान रखना है की कोई भी पुलिस बल के लोग वोटर्स के साथ मतदान कक्ष में प्रवेश नहीं करेंगे । सभी ख्याल रखेंगे की मतदान की गोपनीयता किसी भी प्रकार से भंग न हो। वोटर की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखें। इधर, प्रशिक्षण के क्रम में प्रशिक्षकों प्रशिक्षक सुदीप सहाय ने बताया की चुनाव निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से कराने हेतु पुलिस पदाधिकारियों की जिम्मेवारी बड़ी होती । उन्होंने बताया कि मतदान केंद्र के 100 मीटर के अंदर पोस्टर या बैनर लगाना प्रतिबंधित होता है तथा 200 मीटर के दायरे के बाहर ही किसी कैंडिडेट के कार्यकर्ता अपना बैठने की व्यवस्था कर सकते हैं, परंतु किसी भी प्रकार का शामियाना या टेंट नहीं लगाया जाएगा। सिर्फ एक मेज और दो कुर्सी लगाया जाना है। किसी भी स्थिति में मतदान केंद्र के 200 मीटर के दायरे के अंदर भीड़ इकट्ठा नहीं होना चाहिए। किसी भी मतदाता को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए बाध्य करना कानूनी अपराध है, तथा इसके लिए सजा का प्रावधान है। चुनाव के दौरान मतदाता के बीच जातिगत सांप्रदायिक भावना नहीं भरी जानी चाहिए।