रेलवे में मानसून अलर्ट, पटरी किनारे चट्टानों पर होगी नजर
रेलवे में मानसून अलर्ट पटरी किनारे चट्टानों पर होगी नजर
रेलवे में मानसून अलर्ट, पटरी किनारे चट्टानों पर होगी नजर
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया, कोडरमा: मानसून के दौरान ट्रेनों का परिचालन प्रभावित ना हो, इसे लेकर रेलवे ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इस वर्ष नई दिल्ली हावडा ग्रैंड कोड सेक्शन के लाइफ लाइन कोडरमा-गया जंक्शन के बीच भूस्खलन को देखते हुए चटटानों एवं पेडों की कटाई का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। इसके अलावा इंजीनियरिंग विभाग और विद्युत विभाग सर्वे का कार्य भी कर रही है, ताकि अगले आठ जून को झारखंड में मानसून आने के पूर्व संरक्षा के हर उपाय दुरुस्त हो सके। इधर धनबाद रेलमंडल के वरीय वाणिज्य प्रबंधक अखिलेश पांडेय ने जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि मानसून पेट्रोलिंग को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है। साथ ही संरक्षा को लेकर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। वहीं मिट्टी एवं चट्टान कमजोर इलाकों में इसे हटाने के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। गत वर्ष कोडरमा गया रेल खंड में आंधी बारिश के दौरान कई बार भूस्खलन से रेल परिचालन प्रभावित हुआ था। दिल्ली से रांची जा रही राजधानी एक्सप्रेस का इंजन डिलवा व बसकटवा के बीच भूस्खलन के कारण पटरी से उतर गया था। इस वजह से कई राजधानी सहित मेल एक्सप्रेस के पहिये लगभग 8 घंटे तक थम गए थे। इसके अलावा गत वर्ष कोडरमा हजारीबाग टाउन के बीच भूस्खलन से रेलवे ट्रैक पर चट्टान गिर गए थे, जिससे मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गई थी। पिछली घटनाओं से सबक लेकर इस बार रेलवे मानसून से निपटने की व्यापक तैयारियां की है।
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ये है रेलवे की तैयारी :
1. बोल्डर, पत्थर, गिट्टी डस्ट मालगाड़ियों में लादकर रखा जाएगा, ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों या भूस्खलन वाले क्षेत्रों में अगर मिट्टी का कटाव भू धंसान हुआ तो तत्काल राहत कार्य शुरू कराए जा सकेंगे।
2. रेलवे ट्रैक के किनारे पेड़ों का सर्वे किया जाएगा। तेज आंधी बारिश के दौरान ओवरहेड तार को प्रभावित ना करें या रेलवे ट्रैक पर ना गिर जाए, इसे लेकर पेड़ों की कटाई छटाई शुरू की जाएगी।
3. दुर्घटना राहत यान, दुर्घटना राहत मेडिकल यान को तैयार रखा जाएगा। इंजीनियरिंग विभाग के साजो सामान, मोटर ट्रॉली को भी चालू कंडीशन में रखा जाएगा, ताकि मानसून के दौरान घटना होने पर तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू कराया जा सके।
4. भारतीय मौसम विभाग से जारी होने वाले मौसम बुलेटिन और चेतावनी के अनुसार स्टेशन मास्टर, ट्रैक मैन, इलेक्ट्रिकल व सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग के कर्मचारियों को अलर्ट मैसेज भेजा जाएगा।
5. खतरनाक रेल खंड, ब्रिज का इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी निरीक्षण करेंगे और बारिश के दौरान ट्रेनों का परिचालन प्रभावित ना हो इसके लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
6. अधिकारियों की टीम बारिश से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों का दौरा करेगी और आवश्यक सुधार कराएगी।