पर्यावरण संरक्षण के प्रति बनें संवेदनशील: डीडीसी
संवाद सहयोगी कोडरमा कोरोना संकट में आक्सीजन की कमी ने विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व भी
संवाद सहयोगी, कोडरमा : कोरोना संकट में आक्सीजन की कमी ने विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व भी बढ़ा दिया। इस बार पूर्व की अपेक्षा पर्यावरण दिवस पर लोगों में उत्साह काफी था। पदाधिकारियों ने भी लोगों को जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण पर खासा जोर दिया। डीडीसी आर रॉनिटा ने तिलैया बस्ती में निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवास के समीप पौधारोपण की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए आम लोगों में संवेदनशीलता व जागरूकता जरूरी है। वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण के महत्व को लेाग समझ रहें है। स्वथ्य जीवन के लिए शुद्ध वातावरण जरूरी है, जो आसपास के क्षेत्र को हरा-भरा रख कर ही पाया जा सकता है। ऐसे में सभी को इसके लिए जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने सभी को पौधारोपण करने की अपील की। इस मौके पर नगर प्रशासक कौशलेस कुमार व अन्य मौजूद थे। प्राणवायु के लिए एक पौधा जरूर लगाएं : एसडीओ :
: जीवन की बेहतरी के लिए, सुनहरे कल के लिए, एक उम्मीद के साथ पौधें जरूर लगाएं। अनुमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार ने सदर अस्पताल, अनुमंडल कार्यालय परिसर व जयनगर के रुपायडीह में पौधारोपण के दौरान लोगों को प्रेरित करते हुए उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण देश ने आक्सीजन की समस्या को देख चुका है। लोग आक्सीजन के लिए तड़पते रहे और मौतें होते रही। यह आक्सीजन हमें पेड़ पौधों से ही मिलता है। इस दिवस के अवसर पर हम सभी को यह संकल्प लेने की जरूरत है कि, पर्यावरण ही हमारे जीवन का आधार है। इसके बिना जीवन जीना कठिन दौर की ओर संकेत करता है। पौधे मुफ्त में देते हैं आक्सीजन: रेंजर :
वन्यप्राणी आश्रयणी अंतर्गत प्राकृतिक व्याख्या केन्द्र कोडरमा में पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर रेंजर आनंद बिहारी ने कहा कि पेड़-पौधे हमें मुफ्त में आक्सीजन देते हैं। परंतु लोग इसका कदर नहीं करते है। हालात यह है कि लोग थोड़ी सी लालच में आकर पेड़ों को काट कर पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा रहें है। इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ रहा है। इस वर्ष कोरोना महामारी ने हम सभी को आक्सीजन की अहमियत को बता दिया है। वहीं मौजूद सभी वनकर्मियो ने एक-एक पौधे लगाकर उसकी सुरक्षा का शपथ लिया। इस अवसर पर वनपाल सुरेन्द्र कुमार, सच्चिदानंद गिरी, वनरक्षी विजय कुमार, अनिल रमन, छत्रपति शिवाजी, किशोर कुमार यादव, सुनील यादव, अभिषेक कुमार, वनकर्मी अशोक साव, परमानन्द कुमार, आलोक बिहारी, मो. मोहसीन, शम्भु राम, दिलीप दास, संजय पासवान, शंकर महतो, उपेन्द्र कुमार यादव, अशोक कुमार, शंकर कुमार आदि मौजूद थे।