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ओड़िया बाबा की समाधि पर भक्तों ने की चादरपोशी

डोमचांच नगर पंचायत में ओड़िया बाबा के 37वें एक दिनी समाधि प

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 10:01 PM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 10:01 PM (IST)
ओड़िया बाबा की समाधि पर भक्तों ने की चादरपोशी
ओड़िया बाबा की समाधि पर भक्तों ने की चादरपोशी

संवाद सूत्र, डोमचांच (कोडरमा): डोमचांच नगर पंचायत में ओड़िया बाबा के 37वें एक दिनी समाधि पर्व शुक्रवार को चादरपोशी, आरती, भजन, लंगर आदि विविध कार्यक्रमों के साथ संपन्न हो गया। इस पर्व की शुरुआत सुबह चार बजे समाधि सेवा से हुई। इसके बाद शुरू हो गया चादर चढ़ाने और मन्नत मानने का सिलसिला जो देर दोपहर तक जारी था। साथ ही ओड़िया बाबा की जय के नारों से समाधि भवन गूंजता रहा। दोपहर एक बजे ओड़िया बाबा धर्मशाला में लंगर का भव्य आयोजन किया गया। इसमें भक्तों ने सामूहिक रूप से सामाजिक दूरी का पालन करते हुए महाप्रसाद पूड़ी-सब्जी तथा कड़ा प्रसाद पाया। कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्व मुखिया सुरेश कुमार, समाधि सेवक ओमप्रकाश दास, सुभाष गुप्ता, गणेश प्रसाद, संजय सिन्हा, डॉ राजकुमार प्रसाद, डॉ धीरेंद्र सिंह, विवेक इंद्र गुरु, नंदकिशोर शर्मा, कृष्ण कुमार सिन्हा, आनंद बर्णवाल, डॉ बिपिन कुमार, नरेश बर्णवाल, संजय मोदी, स्वर्णिम इंद्र गुरु, ऋषभ आनंद, शारदा देवी, मंजू देवी, राखी सिंह, आशा देवी, रंजना पाण्डेय, रजनी सिन्हा, शर्मिला शर्मा, लता वर्णवाल, गुड्डी वर्णवाल,अंजलि सिन्हा,अशोक छाबड़ा, सरोज छाबड़ा, मीनू छाबड़ा, रिकी कौर, सलोनी शर्मा, जैनी सिन्हा, ओशो अंशुमन, राजी वर्णवाल, नमन कुमार आदि उपस्थित थे शब-ए-मेराज पर लोगों ने रात भर की इबादत

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संवाद सूत्र, जयनगर (कोडरमा): सभी मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में गुरुवार को देर रात्रि शब-ए-मेराज की रात मनाई गई। इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रात भर मस्जिदों में अपने-अपने घरों में इबादत की।

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, माह रजब-उल-मुरजब की 27वीं रात को शब-ए-मेराज कहते हैं। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के सभी लोगों ने मस्जिदों और घरों में नमाज एवं कुरान की तिलावत की। इबादत के दौरान सभी लोगों ने अमन की दुआ की। रात भर इबादतों में मशगूल रहने के बाद सुबह से ही शहरी करके शुक्रवार को सभी लोगों ने रोजा रखा। इफ्तार के वक्त सभी लोगों ने मुल्क में अमन शांति कायम रहने की दुआएं की।

मौलाना गुलाम सरवर कादरी ने बताया कि मेराज की रात इस्लामिक तारीख में एक सितारे की तरह है, जो कयामत तक चमकता रहेगा। पैगंबर ए रसूल को मेराज मक्का शरीफ में फूफी हजरत उम्मेहानी घर पर हुई। कारी मुजाहिद रजा ने बताया कि इसी रात में आप की उम्मत को नमाज का अजीम तोहफा अता किया गया। हुक्म हुआ कि खुदा की मोहब्बत में तर होकर पांच वक्त की नमाज अदा करें। हदीस में नमाज के बारे में बताया गया है कि अगर नबी की मेराज रब से मुलाकात है तो मोमिन की मेराज नमाज है। कारी शमीम रहबर ने कहा कि 27 रजब की इसी रात नबी ए पाक को पांच वक्त की नमाजों का तोहफा मिला।


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