Lok Sabha Polls 2019: कांग्रेस के लिए बंजर होती कोडरमा की जमीन
Lok Sabha Polls 2019. कभी कांग्रेस पार्टी के लिए उर्वर रही कोडरमा की जमीन बाबूलाल मरांडी की एंट्री के बाद धीरे-धीरे बंजर होती चली गई।
कोडरमा, जागरण संवाददाता। कभी कांग्रेस पार्टी के लिए उर्वर रही कोडरमा की जमीन बाबूलाल मरांडी की एंट्री के बाद धीरे-धीरे बंजर होती चली गई। वर्ष 1999 के बाद कांग्रेस अबतक यहां चुनाव जीतना तो दूर कभी बेहतर प्रदर्शन भी नहीं कर पाई। जबकि इससे पूर्व यहां कांग्रेस पार्टी से तिलकधारी सिंह दो बार सांसद रह चुके हैं। वहीं कई बार यहां भाजपा उम्मीदवार के निकटतम प्रतिद्वंद्वी रह चुके हैं।
लेकिन बाबूलाल मरांडी के वर्ष 2004 में भाजपा और 2006 में भाजपा छोड़कर चुनाव लडऩे के बाद से कांग्रेस की स्थिति दिनोंदिन खराब होती चली गई। अब तो गठबंधन की स्थिति में कांग्रेस इस सीट पर अपना दावा भी खो चुकी है। इससे पूर्व भी एकीकृत बिहार में लालू प्रसाद यादव की लहर के दौरान एक दौर ऐसा आया था, जब इस सीट पर जनता दल प्रत्याशी के रूप में 1991 में मुमताज अंसारी ने जीत दर्ज की थी।
इसके बाद 1996 के चुनाव में स्व. रमेश प्रसाद यादव द्वितीय स्थान पर रहे थे। लेकिन 1999 में कांग्रेस के तिलकधारी सिंह ने इस सीट पर अपनी वापसी की। लेकिन 2004 में बाबूलाल के आगमन के बाद 2014 तक लगातार तीन चुनाव बाबूलाल मरांडी जीते। इस दौरान कांग्रेस कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई।
इस बार तो महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में बाबूलाल मरांडी के कोटे में यह सीट गई है। वहीं पिछले कई वर्षों से कोडरमा संसदीय क्षेत्र के छह विधानसभा सीट में से किसी पर भी कांग्रेस ने जीत हासिल नहीं की है। ऐसे में कांग्रेस कोडरमा में अपनी जमीन धीरे-धीरे खोती चली जा रही है।