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नीलाम पत्र वाद के 5600 मामले लंबित

कोडरमा: जिले में नीलाम पत्र वाद के 5600 मामले अब भी लंबित है। सरकारी राशि वसूली को लेकर चलाए जा रहे

By Edited By: Published: Sat, 23 Jul 2016 10:48 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jul 2016 10:48 PM (IST)
नीलाम पत्र वाद के 5600 मामले लंबित

कोडरमा: जिले में नीलाम पत्र वाद के 5600 मामले अब भी लंबित है। सरकारी राशि वसूली को लेकर चलाए जा रहे इन मामलों के निष्पादन की गति काफी धीमी है। पिछले वित्तीय वर्ष में मात्र 300 मामलों का निष्पादन किया जा सका। इसी गति से मामलों का निष्पादन होता रहा तब 20 वर्ष मामलों के निष्पादन में लगेंगे। बहरहाल, जिले के 15 विभागों के पदाधिकारी नीलाम पत्र वाद के मामलों पर कार्रवाई कर रहे हैं। अभी भी वादों के आरोपियों के पास 20 करोड़ की सरकारी राशि का बकाया है। इन मामलों के निष्पादन में अभी भी गति नही आई है। जबकि मामलों की राशि भी काफी चौंकाने वाले है। कुछ मामले नगण्य राशि के है, लेकिन 25 वर्षों से अधिक से चल रहा है। जबकि कई मामलों में आरोपियों की मौत भी हो गई है। लेकिन नीलाम पत्र वाद पदाधिकारियों के इच्छाशक्ति के कमी के कारण भी ऐसे मामले संख्या को बढ़ाने का काम कर रहे है। जबकि कुछ ऐसे मामलों की प्रक्रिया अपनाने में बकाया से ज्यादा राशि तक खर्च हो गई है।

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इधर, कई विभाग नीलाम पत्र वाद की संख्या के बोझ से दबा है। इसमें सबसे ज्यादा नीलाम पत्र वाद पदाधिकारी सह भूमि उपसमाहर्ता के समक्ष 1159 मामले लंबित हैं। जबकि इन मामलों के विरूद्ध 1.80 करोड़ रूपये बकाया हैं। इसी तरह जिला नीलाम पत्र वाद पदाधिकारी के अधीन1059 मामले लंबित है, जबकि 6.91 करोड़ रूपये सरकारी राशि बकाया हैं। जिला परिवहन पदाधिकारी के समक्ष भी मामलों की संख्या काफी अधिक है। फिलहाल 1204 मामले लंबित है, जबकि 4.61 करोड़ रूपये बकाया के रूप में वसूली की जानी है। डीटीओ कार्यालय में सभी मामले वाहनों के टैक्स बकाया से संबंधित हैं। जबकि इस मामले में बड़ी संख्या में वाहन मालिकों का पता भी फर्जी मिल रहा है। इससे इन मामलों का शतप्रतिशत निष्पादन शायद ही संभव है। एसडीओ कार्यालय में भी विभिन्न बैंकों के बकाया राशि वसूली से संबंधित 661 मामले नीलाम पत्र वाद के चल रहे हैं। इसी तरह उपनिदेशक खनन कोडरमा सह हजारीबाग के समक्ष 224 मामले लंबित है। जबकि 212 लाख रूपये का बकाया लोगों पर है।

नीलाम पत्र वाद से संबंधित मामलों का आकार-प्रकार भी अजीबोगरीब है। वन विभाग में 175 रूपये वसूली के लिए 38 वर्ष से केस चल रहा है। जबकि वादों के प्रक्रिया संधारण में बकाया से कई गुणा ज्यादा राशि खर्च भी हो गया होगा।

मामलों के निष्पादन के लिए उठाए जाएंगे कदम: एसी

कोडरमा: नीलाम पत्र वाद पदाधिकारी अपर समाहर्ता प्रवीण कुमार गागरई ने कहा कि मामलों के निष्पादन के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। एक-एक मामले की समीक्षा संभव नही हो पाती है। नीलाम पत्र वाद पदाधिकारियों के समक्ष कई तरह के अन्य कार्ये का भी बोझ होता है। बावजूद ऐसे मामलों का निष्पादन समय पर हो सके इसका प्रयास किया जाएगा।


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