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एक वर्ष में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए 392 परिवार

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 02:52 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 02:52 AM (IST)

कोडरमा: सरकार का कहना है कि आपदा से संबंधित मामलों का निष्पादन दो माह में कर देना है। लेकिन कोडरमा जिला के आपदा प्रबंधन कार्यालय के काम लेटलतीफ चल रहा है। आपदा प्रबंधन से जुड़े मामले साल भर में निष्पादित नहीं हो पा रहे हैं। अधिकारी मौन हैं। सब कुछ कर्मचारियों की मनमानी पर निर्भर करता है। नतीजतन सरकार से आपदा प्रबंधन मद में आवंटित राशि प्रभावित परिवारों के बीच भुगतान नहीं किया जा सका है। आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक वर्ष में प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान को लेकर 392 मामले आए। इनमें अक्टूबर माह में आई पाइलिन तूफान से हुए नुकसान के 342 मामले शामिल हैं। लेकिन इन आपदा पीड़ितों को मुआवजा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। अंचल से आयुक्त कार्यालय तक संचिका जाने में छह माह से एक वर्ष तक का समय लग जा रहा है। इतना ही नहीं, आपदाओं से मौत के मामले में भी विभाग सक्रियता नहीं दिखाती है। समय पर पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं मिलने से संबंधित गरीबों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। पिछले वित्तीय वर्ष में ही जिले में प्राकृतिक आपदाओं से हुए क्षति को लेकर 392 मामले विभिन्न प्रखंडों से आये। इसमें 342 मामले अक्टूबर माह में आए। पायलिन तूफान से कच्चा घरों के नुकसान से संबंधित है। शेष मामले आगजनी, वज्रपात, अतिवृष्टि आदि से हुए नुकसान व लोगों के मौत से संबंधित है। इस मद में पिछले वित्तीय वर्ष जिला को 28.28 लाख प्राप्त हुआ। लेकिन ऐसे मामलों में अधिसंख्य पीड़ितों को इतने माह बाद भी मुआवजा नहीं मिल पाया है। जबकि सरकार स्तर से ऐसे मामलों में प्रक्रिया पूरा करने के लिए अधिकतम दो माह का समय निर्धारित किया गया है। इधर, योजना के तहत मकान क्षति जैसे मामलों में अंतिम स्वीकृति प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय स्तर से होने के कारण भी इसमें समय लगता है। बहरहाल, सरकार के प्रावधानों के अनुसार वज्रपात से मृत्यु में 1.50 लाख, दुधारू गाय या भैंस की मौत में 16400 रुपया, बिना दुधारू जानवर के मृत्यु पर 15 हजार रुपया मुआवजा दिया जाता है। जबकि कच्चा मकान पूर्ण क्षति पर 17,600 व आंशिक क्षति पर 3800 रुपया मुआवजा के रूप में पीड़ितों को मिलता है। इधर, चालू वित्तीय वर्ष के 4 माह में 14 प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित 14 मामले आए हैं। इसमें आगजनी व वज्रपात से 5 लोगों के मृत्यु से संबंधित है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार कई कार्यालयों में संचिका के निष्पादन में समय लग रहा है।


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