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पुणे में नौकरी नहीं दिला सका पुत्र तो कर दी पिता की हत्या

रनिया थाना क्षेत्र के गोइलकेरा गांव निवासी बिरसा मुंडा अपने मित्र धुतरा मुंडा को नौकरी दिलाने के लिए महाराष्ट्र के पुणे ले गए थे। नौकरी नहीं मिली। दोनों में विवाद शुरू हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 01:26 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 01:26 AM (IST)
पुणे में नौकरी नहीं दिला सका पुत्र तो कर दी पिता की हत्या
पुणे में नौकरी नहीं दिला सका पुत्र तो कर दी पिता की हत्या

संवाद सूत्र, रनिया (खूंटी) : रनिया थाना क्षेत्र के गोइलकेरा गांव निवासी बिरसा मुंडा अपने मित्र धुतरा मुंडा को नौकरी दिलाने के लिए महाराष्ट्र के पुणे ले गए थे। नौकरी नहीं मिली। दोनों में विवाद शुरू हो गया। धुतरा मुंडा ने दोस्त के घर वालों को सबक सिखाने की धमकी दी। पैदल ही गांव की ओर चल पड़ा। किसी तरह गांव पहुंचा, पर उसके भीतर गुस्से की ज्वाला धधकती रही, और शुक्रवार को मौका मिलते ही बिरसा मुंडा के पिता झागुड़ मुंडा की गला रेतकर खेत में हत्या कर दी।

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रनिया थाना पुलिस ने हत्या की गुत्थी 24 घंटे में सुलझाते हुए शनिवार को आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। थाना प्रभारी रोशन कुमार ने बताया कि जांच के दौरान सुराग मिलता गया और हत्याकांड को अंजाम देने वाले तक पुलिस पहुंच गई। थाना प्रभारी ने बताया कि झागुड़ मुंडा के पुत्र बिरसा मुंडा ने धुतरा मुंडा को रोजगार दिलाने के लिए इसी वर्ष फरवरी में पुणे ले गया था। वहां धुतरा मुंडा को रोजगार नहीं मिलने पर दोनों में विवाद हुआ। उस वक्त धुतरा मुंडा ने बिरसा मुंडा के स्वजन को क्षति पहुंचाने की बात कही थी। जून में वह पुणे से घर लौटने के लिए पैदल ही निकल पड़ा। उसके पास पैसे नहीं थे। दो माह तक सफर करने के बाद घर पहुंचा। रास्ते में जो भी खाने के लिए लोगों से मिलता था उसे खाकर सफर तय करता रहा। गांव पहुंचने के बाद अक्सर झागुड़ मुंडा से धुतरा मुंडा का विवाद होता था। शुक्रवार को झागुड़ मुंडा को खेत में अकेला देखकर धुतरा मुंडा ने हसुआ से गला रेतकर हत्या कर दी। उधर, दिन दहाड़े 67 वर्षीय झागुड़ मुंडा की हत्या से गांव में दहशत है। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिया गया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हसुआ बरामद कर लिया है। स्वास्थ्यकर्मी ने खूंटी सदर अस्पताल में की खुदकुशी

जासं, खूंटी : जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल के 108 एंबुलेंस के ईएमटी दीपक कुमार ने अस्पताल के पुराने भवन में तौलिये का फंदा बनाकर शनिवार को खुदकुशी कर ली। वह गढ़वा का रहने वाला था। उसकी उम्र करीब 22 वर्ष थी। वह अविवाहित था। दीपक पिछले दो वर्षों से खूंटी में ईएमटी के पद पर काम कर रहा था। दीपक ने खुदकुशी क्यों की, इसकी जांच चल रही है।

कर्मचारियों ने बताया कि वह काफी भावुक व्यक्ति था। गंभीर मरीजों को देखकर रोने लगता था। सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी की खबर सुनकर वह दो दिनों तक रोता रहा था। दीपक रिम्स के चिकित्सक चंद्रभूषण के कार्यों से काफी प्रभावित था। उन्हें आदर्श मानता था। खुदकुशी से पूर्व उसने डा. चंद्रभूषण से बात की थी। इसके बाद मोबाइल बंद कर दिया था। चिकित्सक ने ही किसी को फोनकर ढूंढ़ने के लिए कहा था। इसी क्रम में उसका शव पाया गया। विश्वकर्मा पूजा के दिन भी वह काम पर था।

शनिवार सुबह 11 से दोपहर 12 बजे के बीच सदर अस्पताल के अर्धनिर्मित भवन की सीढ़ी से निकले छड़ पर उसने तौलिये का फंदा बनाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। खूंटी थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद गढ़वा भेज दिया है।

ब्लेड से गला काट कर ली आत्महत्या

संवाद सूत्र, चान्हो : चान्हो थाना क्षेत्र के बदरी गाव में शुक्रवार की शाम करीब छह बजे 32 वर्षीय चंद्रदेव उराव ने ब्लेड से अपना गला काटकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि शुक्रवार की शाम करीब छह बजे चंद्रदेव उराव घर के अंदर था। उसकी पत्‍‌नी आगन में थी। जब वह अंदर गई तो देखा कि पति कमरे में खून से लथपथ पड़ा हुआ था। चान्हो स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहा चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चान्हो पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया। परिजनों के अनुसार एक बच्चे के पिता चंद्रदेव उराव की मानसिक स्थित ठीक नहीं थी।


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