खुशी से फूले नहीं समा रहे थे जिले में पहला वैक्सीन लगाने वाले सफाईकर्मी
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए शनिवार से शुरू हुए टीकाकरण के दौरान खूंटी जिले में पहला वैक्सीन लगाकर सफाई कर्मी अजय राम खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। वैक्सीन लगाने के बाद उन्होंने बताया कि खूंटी के कोरोना इतिहास में उनका नाम दर्ज हो गया।
खूंटी : कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए शनिवार से शुरू हुए टीकाकरण के दौरान खूंटी जिले में पहला वैक्सीन लगाकर सफाई कर्मी अजय राम खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। वैक्सीन लगाने के बाद उन्होंने बताया कि खूंटी के कोरोना इतिहास में उनका नाम दर्ज हो गया। ये सफाईकर्मी है स्वास्थ्य उपकेंद्र चलागी के 34 वर्षीय अजय राम। टीका लगाने के बाद उन्होंने बताया कि शनिवार को सुबह ही उन्हें जानकारी मिली कि जिले में सबसे पहला टीका उन्हें ही दिया जाएगा। सूचना मिलते ही उनके साथ पूरे परिवार के सदस्यों का चेहरा खुशी से खिल उठा। सूचना मिलते ही अपने को सौभाग्यशाली मान रहे अजय ने बताया कि टीका लगाने में उन्हें किसी प्रकार की घबराहट नहीं हुई। घर का मुखिया होने के नाते उन्हें टीका लगाना आवश्यक भी था। पिता मन्नु राम का कुछ माह पूर्व कैंसर से निधन होने के बाद घर में मां दशमी देवी और दो छोटे भाई की जिम्मेदारी इन्हीं के कंधे पर है। उन्होंने बताया कि उन्हें देश के विज्ञानियों पर पूरा भरोसा है। अजय खूंटी प्रखंड के चिकोर गांव के रहने वाले हैं। शनिवार को सुबह वह तैयार होकर मातृ-शिशु अस्पताल में बनाए गए वैक्सिनेशन सेंटर पहुंचे। जांच की सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वे अंदर गए। प्रधानमंत्री का अभिभाषण समाप्त होने के बाद सेंटर में टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। अजय को 11 बजकर 28 मिनट पर टीका लगाया गया। वैक्सिनेशन के बाद उन्हें आधे घंटे तक निगरानी में रखा गया। किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने के बाद वे घर चले गए।
वहीं महिलाओं में दतिया के रहने वाल स्वास्थ्यकर्मी किरन देवी को महिलाओं में सबसे पहला टीका दिया गया। टीका लगाने के बाद उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि वे अपने आप को बहुत भाग्यशाली मान रहे हैं कि जिले में वे पहली महिला हैं, जिन्हें सबसे पहले टीका मिला। कोरोना महामारी शुरू होने के समय से ही लोगों में दहशत व्याप्त था। ये ऐसी बीमारी है जो अपनों को अपने से दूर कर दे रही है। ऐसे में वैक्सीन की चर्चा शुरू होने के समय से ही उनके मन में विचार चल रहा था कि जल्द ही वैक्सीन बाजार में आए और लोगों को इसका लाभ मिले। वैक्सीन आई और महिलाओं में सबसे पहले उन्हें मिला, इससे बहुत खुशी हुई। शनिवार को सुबह ही जानकारी मिली की उन्हें सबसे पहले वैक्सीन मिलेगा।
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एक बार में दस कर्मी भेजे जा रहे थे अंदर
वैक्सीन सेंटर के बाहर स्वास्थ्यकर्मियों के बैठने के लिए टेंट लगाया गया था। सभी को शारीरिक दूरी का अनुपालन कराते हुए बैठाया गया था। ऑनलाइन जांच और डाटा इंट्री के बाद दस-दस की संख्या में कर्मियों को वैक्सीन सेंटर के अंदर भेजा जा रहा था। इस दौरान सभी मास्क लगाए हुए थे और सैनिटाइजर से हाथ साफ कर रहे थे। वैक्सीन के एक फाइल से दस लोगों को टीका लगाया जा रहा था। टीकाकरण के बाद उन्हें प्रतिनियुक्त चिकित्सक की निगरानी में ऑब्जरवेशन रूम में आधे घंटे तक रखा गया। कोरोना वैक्सीन लेने के बाद आब्जरवेशन रूम में बैठे सफाई व स्वास्थ्य कर्मियों से उपायुक्त, अपर समाहर्ता, सिविल सर्जन और चिकित्सकों का दल उनके स्वास्थ्य के बारे में लगातार जानकारी ले रहे थे। टीकाकरण के बाद किसी भी तरह की साइड इफेक्ट से निपटने के लिए चिकित्सकों की टीम मुस्तैद थी।
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सम्मान स्वरूप सफाइकर्मियों को पहले दिया गया वैक्सीन : उपायुक्त
कोरोना महामारी के दौरान जिस प्रकार सफाईकर्मियों ने आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभाई थी, उसके कारण वैक्सीन पर पहला हक उनका ही बनता है। सरकार ने भी सम्मान स्वरूप सफाईकर्मियों को पहला टीका लगाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया। ये बातें खूंटी के उपायुक्त शशि रंजन ने कहीं। शनिवार को खंटी में बनाए गए वैक्सिनेशन सेंटर में सुबह दस बजे उपायुक्त पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया। इसके बाद सिविल सर्जन के साथ वैक्सीन सेंटर का विधिवत उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने अब्जरबेशन रूम के साथ इमरजेंसी रूम का निरीक्षण किया और वहां प्रतिनियुक्त चिकित्सकों से बात की। उपायुक्त ने सफाई व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ प्रधानमंत्री का अभिभाषण सुना। इसके लिए दो स्थानों में प्रोजेक्टर लगाया गया था। इसके बाद वैक्सिनेशन का प्रक्रिया शुरू की गई। मौके पर उपायुक्त ने आम लोगों से अपील की कि कोरोना वैक्सीन से जुड़ी किसी भी तरह की भ्रांति या अपुष्ट जानकारी पर ध्यान नहीं दें। अबतक जिले में कोरोना टीकाकरण के बाद साइड इफेक्ट का एक भी मामला सामने नहीं आया है। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए वर्तमान में सावधानी और सतर्कता के साथ मास्क का उपयोग, शारीरिक दूरी का अनुपालन व साफ-सफाई पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आम लोगों के लिए आने वाले माह में वैक्सीन मिलने की संभावना है।
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28 दिनों के बाद मिलेगा दूसरा डोज : सिविल सर्जन
शनिवार को जिन्हें कोरोना वैक्सीन का पहला डोज मिला है उन्हें अब 28 दिनों के बाद दूसरा डोज मिलेगा। खूंटी के सिविल सर्जन डा. प्रभात कुमार ने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े अभियान में फ्रंटलाइन कर्मियों को सम्मानस्वरूप पहला टीका लगाया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना से मुक्ति का मार्ग अब प्रशस्त हो गया है। इसके बावजूद लोगों को ऐहतियात बरतना होगा। डोज लेने वालों को भी सावधान रहना होगा। बचाव के सारे उपाय अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि वैक्सीन का पहला डोज 0.5 एमएल का दिया गया।