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Chandrayaan 2 Landing: चांद पर भारत के अभियान में तोरपा के सोहन का भी पसीना

chandrayaan2 pragyan rover. तपकरा के सोहन यादव इसरो में लिक्विड प्रोपल्सन सिस्टम सेंटर में कार्यरत हैं। घर और गांव वाले उनपर नाज कर रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 02:00 AM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 02:00 AM (IST)
Chandrayaan 2 Landing: चांद पर भारत के अभियान में तोरपा के सोहन का भी पसीना
Chandrayaan 2 Landing: चांद पर भारत के अभियान में तोरपा के सोहन का भी पसीना

तोरपा (खूंटी), सुनील सोनी। चंद्रयान-2 मिशन पर जहां पूरा देश दिल थाम कर उम्मीदों के साथ निगाहें गड़ाए है, वहीं खूंटी जिले के तपकरा निवासी वैज्ञानिक सोहन कुमार यादव भी इस अभियान में अहम भूमिका निभा रहे हैं। झारखंड के इस लाल की इस अभियान में भागीदारी से गांववालों में खुशी का माहौल है। ग्रामीण खुशियां मना रहे हैं। शुक्रवार को भी लोग टीवी से चिपक कर प्रज्ञान रोवर की चांद पर लैडिंग का दीदार करने के लिए टकटकी लगाए थे।

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बता दें कि चंद्रयान-2 के अभियान में शामिल वैज्ञानिकों में तोरपा के तपकारा गांव का सोहन कुमार यादव भी है। इसरो में लिक्विड प्रोपल्सन सिस्टम सेंटर में कार्यरत सोहन के पिता शिवशंकर यादव ट्रक ड्राइवर हैं। पिता शिवशंकर और मां देवकी देवी बताती हैं कि आज उनका सपना पूरा हो गया। बेटे की इस अभियान में भूमिका से वह बहुत खुश हैं। उसने चंद्रयान-2 अभियान में शामिल होकर पूरे झारखंड का मान बढ़ाया है।

सोहन की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर तपकारा में हुई। इसके बाद बीआईटी मेसरा नवोदय विद्यालय से मैट्रिक करने के बाद डीएवी बरियातू से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरूवनंतपुरम से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। यहीं से उसका चयन इसरो के लिए हुआ। सोहन ने जुलाई 2016 में इसरो में योगदान दिया था। वे लिक्विड प्रोपल्सन सिस्टम सेंटर बेंगलुरु में कार्यरत हैं।

फूले नहीं समा रहे परिजन, कहा- देश का नाम करे रोशन

सोहन के पिता शिवशंकर यादव ट्रक ड्राइवर हैं तथा मां देवकी देवी गृहणी हैं। बड़ा भाई भी ट्रक ड्राइवर का काम करता है। भाई की इस सफलता पर उसकी बहन धीरा खुशी से फूले नहीं समा रही है।

चांद पर विक्रम लैंडिग के बाद ही बात करने को कहा

सोहन के भाई ने कहा, 11 मई 2019 को तपकारा से सोहन इसरो के लिए रवाना हुआ था। इसके बाद इसरो से ही फोन पर 21 जुलाई को बात कर कहा था कि चंद्रयान 2 के विक्रम चांद पर लैंडिग के बाद ही घर में बात हो पाएगी। क्योंकि सभी की चिंता है कि सफलतापूर्वक यान की लैडिंग चांद पर हों।


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