विश्व जल दिवस पर 86 पंचायतों में मनरेगा तालाब निर्माण के लिए पदाधिकारियों ने किया श्रमदान
विश्व जल दिवस के अवसर पर सोमवार को जिले की 86 पंचायतों में जल संरक्षण की दिशा में आमजनों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनरेगा के तहत तालाब निर्माण के लिए अधिकारियों व आमजनों ने श्रमदान किया। इसके तहत उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने लिमड़ा व लरता पंचायत में श्रमदान किया।
खूंटी : विश्व जल दिवस के अवसर पर सोमवार को जिले की 86 पंचायतों में जल संरक्षण की दिशा में आमजनों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनरेगा के तहत तालाब निर्माण के लिए अधिकारियों व आमजनों ने श्रमदान किया। इसके तहत उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने लिमड़ा व लरता पंचायत में श्रमदान किया। श्रमदान कर उपायुक्त ने ग्रामीणों को सामूहिक भागीदारी से जल संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों ने अपने संबंधित प्रखंड की पंचायतों में श्रमदान किया। वहीं, दूसरी ओर बोरीबांध के निर्माण से जल संचयन के प्रति लोगों को उत्साह बनता नजर आया है। जिलावासियों ने जल संरक्षण को लेकर खूंटी के अलग-अलग गांवों में कुल 26 बोरीबांध का निर्माण किया।
विश्व जल दिवस के मौके पर जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसाइटी एवं क्षेत्र के ग्रामसभाओं के संयुक्त प्रयास से एक ही दिन में अलग-अलग गांवों में श्रमदान कर 26 बोरीबांध बनाया गया। इसमें 800 से अधिक ग्रामीणों ने श्रमदान किया। जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कर्रा प्रखंड के लिमड़ा गांव में लगभग 400 ग्रामीण महिला-पुरुषों ने श्रमदान कर 10 बोरीबांध बनाया। जल दिवस के अवसर पर लिमड़ा गांव में आयोजित मुख्य कार्यक्रम उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चुनौती जल संरक्षण की है। पानी के प्रति हमें अपने व्यवहार में परिवर्तन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खूंटी में बारिश कम नहीं होती है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण पानी बहकर निकल जाता है। हमें बहते पानी की गति को कम कर उसे गांव के नालों में सिरियल बोरीबांध बनाकर रोकना है। ऐसा करके हम जल संकट की समस्या से उबर सकते हैं। मौके पर पुलिस अधीक्षक ने जल संचयन की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहनीय की। उन्होंने कहा कि लिमड़ा गांव में जिस तरह से गांव के नाले को सीरियल बोरीबांध बनाकर जिदा करने का प्रयास किया गया है, वह अपने आप में गांव की एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हमें जल और हवा के संरक्षण को लेकर जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि समाज और देश में बदलाव के लिए लिमड़ा पंचायत के लोगों की तरह ही सामुदायिक रूप से काम करने की जरूरत है।