Move to Jagran APP

प्रवासी मजदूर बने चिंता का सबब

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा खूंटी जिले में लगातार बढ़ता जा रहा है। गुजरात पुणे मुंबई कर्नाटक केरल दिल्ली व राजस्थान जैसे रेड जोन से लौटे प्रवासी मजदूरों ने खूंटी में कोरोना का खतरा बढ़ा दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 07:09 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 07:09 PM (IST)
प्रवासी मजदूर बने चिंता का सबब
प्रवासी मजदूर बने चिंता का सबब

खूंटी : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा खूंटी जिले में लगातार बढ़ता जा रहा है। गुजरात, पुणे, मुंबई, कर्नाटक, केरल, दिल्ली व राजस्थान जैसे रेड जोन से लौटे प्रवासी मजदूरों ने खूंटी में कोरोना का खतरा बढ़ा दिया है। जिस रफ्तार से प्रवासी मजदूर, विशेषकर रेड जोन से खूंटी लौट रहे हैं, उससे आने वाले कुछ दिनों में संक्रमण का खतरा और बढ़ना तय है। एक अनुमान के अनुसार अब तक जिले में सात हजार से अधिक प्रवासी मजदूर अपने घर लौट चुके हैं। ज्ञात हो कि जिले में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज 26 मई को कर्रा प्रखंड में मिला था। उसके दूसरे दिन और दो पॉजिटिव मामले की पुष्टि हुई। तीनों संक्रमित मजदूर मुंबई के रेड जोन से लौटे थे। उनके साथ और 24 मजदूर उसी बस से लौटे थे। इनमें तीन गुमला जिले के कमडारा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और वे तीनों कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। सभी 27 मजदूर श्रमिक स्पेशल बस से 17 मई को मुंबई से लौटे थे। बिरसा कॉलेज स्टेडियम में स्वास्थ्य जांच के बाद तीन को गुमला भेजा गया और अन्य 24 प्रवासी मजदूरों को कर्रा प्रखंड में बने सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। चूंकि सभी मजदूर रेड जोन मुंबई से आए थे इसलिए उनका स्वाब सैंपल जांच के लिए इटकी भेज दिया गया था। सोमवार की रात एक और मंगलवार की रात दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर प्रशासनिक अधिकारियों व स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई। उपायुक्त के नेतृत्व में जिला प्रशासन सक्रिय हो गया और सरकारी क्वारंटाइन सेंटर से सभी 24 लोगों का हटाकर एरेंडा में बने डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल में आइसोलेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी। लोगों का कहना है कि लगभग दो माह तक तो हमने कोरोना को अपने जिले में फटकने नहीं दिया लेकिन प्रवासियों की वापसी शुरू होते ही यह आशंका प्रबल हो गयी थी कि एक न एक दिन कोरोना का खूंटी पहुंचना तय है। वैसे जिले के अधिकारी भी इस आशंका से चितित थे कि कहीं प्रवासी ही कोरोना के वाहक न बन जाएं। अधिकारी दबी जुबान से कहते हैं कि जिन प्रवासियों को वैध तरीके से लाया गया या अपने साधन से वे घर लौटे, उन्हें सरकारी अथवा गृह एकांतवास (सरकारी व होम क्वारंटाइन) में रखा गया। लेकिन, ऐसी भी सूचना है कि गांव-देहात में बहुत से लोग बिना मेडिकल जांच कराए चुपचाप अपने घर चले गए। मजदूरों को लग रहा है कि वे स्वस्थ हैं, तो अस्पताल जाने की क्या जरूरत है, पर वे कोरोना के संवाहक हो सकते हैं। आरोप तो यह भी है कि सरकारी क्वारंटाइन में रखे गए लोगों को समुचित सुविधा नहीं मिल रही है और न ही वहां शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जा रहा है। ऐसे में संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है। स्थानीय लोग कहते हैं कि प्रवासी मजदूर ही खूंटी को महामारी के खतरे में झोंक रहे हैं। वे कहते हैं कि मजदूरों के आने की रफ्तार ऐसी ही रही, तो आने वाले समय में खूंटी की स्थिति और बिगड़ सकती है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.