समाज के लिये एक अभिशाप है बाल विवाह
जिला बाल संरक्षण ईकाई एवं आशा ज्योतिष्का के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को कर्रा प्रखंड कार्यालय सभागार में बाल विवाह की रोकथाम के लिए एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
खूंटी : जिला बाल संरक्षण इकाई एवं आशा ज्योतिष्का के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को कर्रा प्रखंड कार्यालय सभागार में बाल विवाह की रोकथाम के लिए एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी सह बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी कुमार देवेश द्विवेद्वी ने कहा कि बाल विवाह समाज के लिये एक अभिशाप है। बाल विवाह होने से बच्चो के शिक्षा, स्वस्थ्य, एवं अवसर का अधिकार का हनन होता है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी को बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी बनाया गया है। यदि कोई बाल विवाह का मामला आए तो तुरंत बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी को सूचना दें या चाइल्ड लाइन 1098 आपातकालीन हेल्पलाइन पर सूचना दे सकते हैं। संरक्षण पदाधिकारी गैर संस्थागत देखरेख शिवाजी प्रसाद ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह एक संज्ञेय एवं गैरजमानतीय अपराध है। दोषी पाए जाने पर अधिकतम 2 साल की सजा या एक लाख रुपये जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी का बाल विवाह हो चुका है तो फैमिली कोर्ट से उस विवाह को शून्यकरण किया जा सकता है। आशा संस्था की पूनम टोप्पो ने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समिति को सशक्त करने की आवश्यकता है। साथ ही आंगनवाड़ी सेविकाओं को जागरूक करने की आवश्यकता है।
कार्यशाला में लेडी सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी सेविका, सखी सहेली की किशोरिया एवं अन्य उपस्थित थे।