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सर्वे से आगे नहीं बढ़ सकी खूंटी में रेल सेवा

खूंटी भगवान बिरसा की भूमि खूंटी रेल सुविधाओं से वंचित है। यहां के लोग ट्रेन पकड़ने के लिए हटिया या रांची रेलवे स्टेशन जाते हैं। केंद्र सरकार ने लोधमा खूंटी वाया तमाड़ 120 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने की घोषणा की थी

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 07:54 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 07:54 PM (IST)
सर्वे से आगे नहीं बढ़ सकी खूंटी में रेल सेवा
सर्वे से आगे नहीं बढ़ सकी खूंटी में रेल सेवा

खूंटी : भगवान बिरसा की भूमि खूंटी रेल सुविधाओं से वंचित है। यहां के लोग ट्रेन पकड़ने के लिए हटिया या रांची रेलवे स्टेशन जाते हैं। केंद्र सरकार ने लोधमा, खूंटी वाया तमाड़ 120 किलोमीटर रेललाइन बिछाने की घोषणा की थी। इसके लिए सांसद कड़िया मुंडा ने भी पहल की, लेकिन इस दिशा में काम सर्वे से आगे नहीं बढ़ सका है। लोधमा-कांड्रा वाया खूंटी-तमाड़ रेललाइन बनने से रांची से जमशेदपुर की दूरी 100 किलोमीटर कम हो जाएगी। खूंटी में रेलवे लाइन लाना यहां के लिए वर्षों से बड़ा मुद्दा बना है।

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यहां रेल लाइन बिछाने के लिए समय-समय पर मांग उठती रही है। चैंबर ऑफ कामर्स ने खूंटी को रेल मार्ग से जोड़ने की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया था। क्षेत्र के लोगों की भावनाओं से अवगत कराने के लिए सांसद कड़िया मुंडा ने चैंबर प्रतिनिधियों संग रेल मंत्री से दिल्ली में मुलाकात की। रेलमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए सर्वे कराने का आश्वासन दिया था।

रेलवे बोर्ड द्वारा भेजी गई सर्वे रिर्पोर्ट को मंत्रालय द्वारा स्वीकृति भी मिल गई। खूंटी में जश्न मनाया गया। भगत सिंह चौक में लोगों ने अबीर-गुलाल उड़ाकर आतिशबाजी की। लेकिन, इसके बाद काम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका। खूंटी में रेलवे स्टेशन नहीं होने के कारण यहां के लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए हटिया या फिर रांची जाना पड़ता है। इससे पैसे अधिक खर्च होने के साथ-साथ लोगों को समय की बर्बादी होती है। रांची जाने में अक्सर जाम का कहर झेलना पड़ता है।

रेलवे स्टेशन नहीं होने के कारण इसका सीधा असर विकास पर पड़ता है लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है।

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कोट

खूंटी में रेलवे स्टेशन बनने से यहां के लोगों को रोजगार मिलता। बाजार का भी विकास होता। किसी भी क्षेत्र के लिए रेलवे लाइन विकास का बहुत बड़ा आधार होता है। यहां रेलवे स्टेशन बनाने में देर है तो तत्काल यहां के लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखकर कर्रा स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव देना चाहिए। अभी यहां मात्र कुछ लोकल ट्रेनें ही रुकती हैं।

अनूप कुमार साहू, वार्ड पार्षद, खूंटी ।

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खूंटी में रेलवे लाइन की सुविधा यहां के लोगों के लिए वर्षों से सपना बनी है। काम नहीं मिलने के कारण क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग पलायन करते हैं। इनमें युवाओं की संख्या अधिक होती है। रेलवे लाइन बनने से रोजगार का सृजन होगा। बहुत हद तक पलायन पर रोक लगेगी। लोगों को यदि बाहर जाना होता है तो रांची से ट्रेन पकड़ना उनकी मजबूरी बन जाती है।

- केके मांझी, खूंटी।

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खूंटी में रेल लाइन होने से व्यवसायियों को भी पूरा लाभ मिलेगा। रेलवे से माल मंगाने से कम खर्च पड़ेगा। इसका लाभ आम उपभोक्ताओं को परोक्ष रूप से मिलेगा। साथ ही युवाओं के लिए रोजगार का रास्ता भी खुलेगा। कई परीक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को सरकार की ओर से रेल किराया में छूट मिलती है। लेकिन इसका लाभ लेने के लिए रांची जाने पर युवाओं को नुकसान पहुंचता है।

-शहनवाज अंसारी, युवा व्यवसायी।

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रेलवे लाइन बनाने के लिए सांसद कड़िया मुंडा की ओर से कई बार पहल की गई। रांची के होटल बीएनआर में प्रभावित क्षेत्र के कई सांसदों ने एक साथ बैठक कर मामले की गंभीरता से विभाग को अवगत कराया। रेलवे द्वारा सर्वे का काम किया गया है। राज्य सरकार को एनओसी देना है। रेलवे यहां के लोगों की जरूरत है। इस दिशा में काम तो होना ही चाहिए।

-मनोज कुमार, सांसद प्रतिनिधि।


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