प्रखंडस्तरीय सरहुल मिलन समारोह संपन्न
कर्रा प्रखंड स्तरिय सरहुल मिलन समारोह में भाग लेने के लिए सोमवार को विभिन्न गांवों से सरना झंडा व सरई फूल लिए पहान पनभरा व गांव के लोग ढोल मांदर व नगाड़े की थाप पर नाचते-गाते सरना स्थल कर्रा पहुंचे।
कर्रा : प्रखंड स्तरीय सरहुल मिलन समारोह में भाग लेने के लिए सोमवार को विभिन्न गांवों से सरना झंडा व सरई फूल लिए पहान, पनभरा व गांव के लोग ढोल मांदर व नगाड़े की थाप पर नाचते-गाते सरना स्थल, कर्रा पहुंचे।
कमला पहान ने सरना स्थल में मां चालाआयो व सिगबोंगा कि स्मरण करते हैं क्षेत्र की खुशहाली व प्रकृति हमेशा हरी-भरी रहे इसके लिए रंगुवा मुर्गा की बलि दी। मुख्य अतिथि धर्म गुरु छुनकु मुंडा ने संबोधित करते हुए कहा कि सरहुल अनादिकाल से प्रकृति पर्व है और रहेगा। यह हमें आपसी प्रेम व भाइचारे को बढ़ावा देता है। साथ ही हमें जल, जंगल व जमीन की रक्षा की सीख देता है। झारखंड का प्रकृतिक पर्व सरहुल हमारी संस्कृति, धर्म और अस्तित्व से जुड़ा है। यहां के सभी पर्व त्योहार में प्रकृति की पूजा-अर्चना की जाती है। हमें इस परंपरा को बचाए रखना है। कर्रा मुखिया ने कहा कि प्रकृति पर्व सरहुल हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान हैं, जो हमें भाईचारे का संदेश देते हुए प्रकृति व पर्यावरण के करीब लाता है। लोगों को सरहुल पर्व की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में कई गांवों के सरना झंडा लिए कर्रा डाकघर होते हुए मस्जिद चौक, थाना चौक, कडहलटोली होते हुए सरनास्थल पहुंचे। जगह-जगह चना व शर्बत की व्यवस्था थी। वरिष्ठ भाजपा नेता ने सभी पाहनों को फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। खोड़हा दलों ने मुंडारी मे गीत व नृत्य प्रस्तुत किया। सरना धर्मालंबियों ने अपने पारंपरिक वेश-भूषा में वाद्य यंत्रों द्वारा एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। मांदर की थाप व नगाड़ों की गूंज पर युवा-युवती खूब थिरके। कार्यक्रम का आयोजन सरना धर्म जागृति एवं विकास मंच, कर्रा द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष अनूप कुजूर, उपाध्यक्ष अनीता होरो, भीमसेन लोहरा, जयमंगल सिंह मुंडा, गुडवा हेरेंज, अजय खलखो, विनोद होरो, एतवा होरो का योगदान रहा। मौके पर लुइस होरो, घुरन महतो, विनोद प्रसाद सोनी, तेम्बा उरांव, परवेज खान, चंदा पाहन, सनिका मुंडा आदि उपस्थित थे।
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सरहुल हमारी सांस्कृतिक धरोधर है : मीनाक्षी
तोरपा : युवा सरना पूजा समिति तपकारा की ओर से सोमवार को आदिवासियों का प्रकृति पर्व सरहुल धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सुबह से ही पाहन-पुजारियों द्वारा सरना मां की पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद आदिवासी महिला-पुरुषों द्वारा बिरसा मैदान में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। माल्यार्पण कार्यक्रम में काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यहां से शोभायात्रा में परांपरिक परिधान में लोग नाचते-गाते चल रहे थे। सभी लोग शहीद चौक पर एकत्र हुए।समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. मीनाक्षी मुंडा ने झारखंड की प्रकृति पर्व सरहुल पर उपस्थित सभी लोगों, महिलाओं, युवतियों और नौजवानों को शुभकामना दी। मौके पर उपस्थित अतिथियों का सरहुल पूजा समिति की ओर से पगड़ी व माला पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि राजेश मुंडा, अजित तोपनो, जयमंगल गुड़िया, मुखिया सुदीप गुड़िया, थाना प्रभारी पंकज दास, युवा सरना समिति के अध्यक्ष मशीह गुड़िया, बिरसा गुड़िया, दुलारी बरला, विश गुड़िया समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए। इस अवसर पर मीनाक्षी मुंडा ने कहा कि सरहुल हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। इसको बचाए रखना सबका दायित्व है। उन्होंने युवा वर्ग को अपनी संस्कृति, पर्व-त्योहार में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की बात कही, ताकि हम अपनी पहचान को बनाए रख सकें। मौके पर महिलाओं ने अपने परांपरिक रीति रिवाज के साथ जमकर नाच-गान किया। नागाड़ा, ढ़ोल, शहनाई, मंदार के थाप पर लोग जमकर नाचे-झूमे।