मानवता, प्रेम व भाईचारे का पाठ पढ़ाता है सरहुल
खूंटी सरना धर्म सोनो समिति के केंद्र दौगड़ा मुरहू में सरहुल महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भगवान सिडबोंगा से प्रार्थना कर खुशहाली की कामना की गई। मौके पर धर्मगुरु
खूंटी : सरना धर्म सोनो समिति के केंद्र दौगड़ा, मुरहू में सरहुल महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भगवान सिडबोंगा से प्रार्थना कर खुशहाली की कामना की गई। मौके पर धर्मगुरु सोमा कंडीर ने कहा कि सरहुल पर्व प्रकृति के संरक्षण के साथ-साथ मानवता, प्रेम व भाईचार का पाठ पढ़ाता है। इससे सभी जीव-जंतुओं एवं मानव के बीच समन्वय बनता है और प्रकृति बनी रहती है। धर्मगुरु बगाय ओड़ेया ने कहा कि सरकार ने सरहुल के लिए छुट्टी दी है, इसलिए सभी क्षेत्रों में चैत्र तृतीया को ही मनाना चाहिए। इस कार्यक्रम में भैयाराम ओड़ेया, मनय मुंडा, सुगना पहान, मथुरा कंडीर, टुट ओड़ेया, सुखराम पूर्ति, रामसहाय पाहन, मोहन सिंह ओड़ेया, एतवा ओड़ेया व संगा ओड़ेया समेत मुरहू, खूंटी, बुडजू, डेहकेला व डोलडा आदि स्थानों से आए हजारों लोग शामिल हुए। वहीं, अड़की प्रखंड के कोचांग में भी समिति की ओर से सरहुल पर्व मनाया गया।
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परंपरा के साथ मनाया गया सरहुल
अड़की : पुरान आदिवासी सरना समिति के तत्वावधान में सोमवार को नऔड़ी पंचायत अंतर्गत कु•िायामबा सरनास्थली में धार्मिक रीति-रिवाज पारंपरिक तरीके से सरहुल मनाया गया। इस दौरान सरना सिंह बोंगा की विनती, प्रार्थना, आराधना करते हुए नए फूल, नए पत्ते से अर्घ्य अर्पित किया गया। साथ ही गांव के सर्वांगीण सुख, शांति व समृद्धि की कामना की गई।
दोपहर में सरहुल जादुर नित्य गीत पार्टी हर बागड़ जोर को लांग टू मुरली डी कुजिया अंबा के कलाकारों को आकर्षित किया। सरहुल महोत्सव कुजिया अंबा में मेला पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ मनाया गया। मेला में मुख्य अतिथि तमाड़ विधायक विकास कुमार मुंडा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें सरहुल महोत्सव प्रकृति पूजा से सीख मिलती है कि हम अपनी परंपरा व रीति-रिवाज को बचाकर रख सकते हैं, जब हम अपने आदिवासी रीति-रिवाज के तहत संस्कार संस्कृति को अपनाकर चलने का प्रयास करेंगे, तभी हम इस महोत्सव के महत्व को समझ सकेंगे। मौके पर प्रखंड प्रमुख सीता नाग, पंसस चेतन पुराण, पूर्व पंसस सत्यभामा देवी, अनूप कुमार साहू, डालचंद मुंडा, मुखिया पूर्ण चंद्र मुंडा, गणेश मुंडा, दुबराज मांझी, अमृत पुराण, सीतानाथ मांझी, कैलाश पुराण, निशिकांत गंजू, कर्म पुराण, रामा पुराण, राधा मोहन पाहन, शिशुपाल पाहन, मनोहर पाहन, इगलास पाहन, शिवधन पुराण, अमर सिंह पुराण, रामनवमी पुराण, विधायक प्रतिनिधि मनोज मंडल, सत्यनारायण साहू, वृंदावन पुराण आदि उपस्थित थे।