चुटिया निवासी हवलदार की बेटी की खूंटी में हत्या
खूंटी : मारंगहादा थाना क्षेत्र के काची नदी पुल के नीचे बुधवार की शाम पुलिस ने एक छात्रा का श्
खूंटी : मारंगहादा थाना क्षेत्र के काची नदी पुल के नीचे बुधवार की शाम पुलिस ने एक छात्रा का शव बरामद किया। छात्रा के मुंह पर हल्के चोट के निशान हैं, जबकि उसके मुंह में दुपट्टा फंसा मिला है। छात्रा कॉलेज की ड्रेस पहने हुए थी। माना जा रहा है कि युवती की हत्या कर शव को पुल से नदी में फेंक दिया गया होगा।
शव की शिनाख्त राची के चुटिया द्वारकापुरी निवासी विनय कुमार के बड़ी बेटी अंजलि कुमारी 19 वर्ष के रूप में की गई है। गुरुवार को युवती का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया।
अंजलि के छोटे भाई व मामा ने बताया कि छात्रा चुटिया द्वारकापुरी के एक हवलदार विनय कुमार की बेटी थी। जो गिरिडीह के बराईडीह थाने में कार्यरत हैं। वही युवती डोरंडा कॉलेज में बीए पार्ट 1 में पढ़ती थी। 11 दिसंबर को ही कॉलेज जाने को बोल कर अपने घर से निकली थी। जो बुधवार को काची नदी पुल के नीचे छात्रा का शव मिला। सूचना मिलते ही एसपी आलोक, मारगहादा थाना प्रभारी पप्पू कुमार शर्मा, एएसआइ जुमारीती अंसारी घटनास्थल पहुंच शव को अपने कब्जे में लिया। अपराधियों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। बुधवार को दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
अंजलि की मां ने बीते बुधवार को चुटिया थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद पुलिस ने खोजबीन शुरू कर दी थी। दूसरे ही दिन खूंटी के मारंगहदा में उसकी लाश मिली। इसके बाद परिजनों को बुलवाया गया।
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पत्थर तोड़ने वाले वृद्ध को अगवा कर गोली मार कर हत्या
पत्थर खदान में पत्थर तोड़कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले 52 वर्षीय मजदूर करमा बिंझिया की अज्ञात अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। गुरुवार को उसका शव उसके गाव सेलदा नवाटोली से दो किलोमीटर दूर भुरसा टोंगरी से बरामद किया गया। मंगलवार को करमा बिंझिया के घर बाइक से दो व्यक्ति पहुंचे। एक व्यक्ति करमा को मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गया, जबकि दूसरा व्यक्ति पैदल ही वहा से निकल गया।
गुरुवार को सुबह में उसके घर से दो किलोमीटर दूर भुरसा टोंगरी में करमा का शव मिला। करमा के सर में दो गोली मारने के निशान थे। पुलिस ने शव को अपने कब्जे लेकर पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया। वहीं पोस्टमार्टम हाउस के पास करमा के कुछ रिश्तेदारों ने बताया कि करमा चकोरनाका के पास स्थित पत्थर खदान में पत्थर तोड़ने का काम करता था। साथ में उसका एक बड़ा बेटा महावीर बिंझिया भी पत्थर तोड़ता था, लेकिन एक साल पहले वह काम छोड़ कर सिमडेगा में रहने लगा था।