डीईओ की जिद की भेंट चढ़ा शिक्षकों का वेतन
खूंटी : जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ)अरुणा नाथ की जिद के चलते प्रखंडों में स्थित उच्च विद्यालयों के शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने के कारण उन्हें परिवार की पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। अब उन्हें यही ¨चता सता रही है कि वे खाली जेब कैसे दीपावली व महापर्व छठ मनाएंगे।
खूंटी : जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) अरुणा नाथ की जिद के चलते प्रखंडों में स्थित उच्च विद्यालयों के शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने के कारण उन्हें परिवार की पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। अब उन्हें यही ¨चता सता रही है कि वे खाली जेब कैसे दीपावली व महापर्व छठ मनाएंगे।
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क्या है मामला : प्रखंडों में स्थित उच्च विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मियों एवं एसडीईआ कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन एसडीईओ कार्यालय से निर्गत होता है। लेकिन, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी (एसडीईओ) का पद रिक्त है। पूर्व में जो भी डीईओ रहते रहे हैं, उनके पास एसडीईओ का प्रभार भी रहता था और वे ही वेतन निर्गत करते थे। 2014 में एसडीईओ उर्मिला कश्यप का स्थानांतरण होने के बाद तत्कालीन डीईओ मिथिलेश कुमार सिन्हा एसडीईओ का भी कार्य देखने लगे। उनका स्थानांतरण होने के बाद आए डीईओ भलेरियन तिर्की ने एसडीईओ का प्रभार ले लिया। इस दौरान शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन समय से मिलता रहा, लेकिन दो माह पूर्व भलेरियन तिर्की का भी स्थानांतरण हो गया। समस्या तब खड़ी हुई, जब उनके स्थान पर आईं डीईओ अरुणा नाथ ने एसडीईओ का पदभार ग्रहण करने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि उन्हें एसडीईओ का पद संभालने को लिए विभाग की ओर से कोई पत्र नहीं मिला है। इसके चलते वेतन निर्गत होना बंद हो गया।
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सरकार भी नहीं है गंभीर
डीईओ अरुणा नाथ ने गत 28 सितंबर को निदेशक माध्यमिक शिक्षा, झारखंड को पत्र लिखकर एसडीईओ का पदभार किसी को सौंपने का निर्देश देने या प्रतिनियुक्ति करने का अनुरोध किया था। लेकिन, अभी तक विभाग ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। इस विभागीय खेल का खामियाजा शिक्षकों व कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।
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यह वित्तीय मामला है, इसलिए जब तक मुझे विभाग से पत्र नहीं मिल जाता तब तक मैं एसडीईओ का पदभार ग्रहण नहीं करूंगी। उसके बाद ही वेतन निर्गत हो सकेगा।
-अरुणा नाथ, डीईओ, खूंटी