अपेक्षा व उपेक्षा के बीच टूटी नहीं है आस
खूंटी जिला मुख्यालय से लगभग ढाई किलोमीटर दूर बेलाहाथी गांव। यहां केंद्रीय योजनाएं धरातल पर दिखती हैं। पूछने पर लोगों की उपेक्षा एवं अपेक्षा की बातें सामने आती हैं। लोग मानते हैं कि विकास कार्य हुए हैं। कई लोगों तक विकास योजनाएं नहीं पहुंची हैं। वे उपेक्षित महसूस करते हैं। लेकिन निराश नहीं हैं। आस लगाए बैठे हैं कि उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। मुख्य सड़क किनारे ही अनिता देवी का जेनरल स्टोर है। अनिता पढ़ी लिखी महिला हैं। काफी मिहनती एवं जागरूक भी।
खूंटी : जिला मुख्यालय से लगभग ढाई किलोमीटर दूर बेलाहाथी गांव। यहां केंद्रीय योजनाएं धरातल पर दिखती हैं। पूछने पर लोगों की उपेक्षा एवं अपेक्षा की बातें सामने आती हैं। लोग मानते हैं कि विकास कार्य हुए हैं। कई लोगों तक विकास योजनाएं नहीं पहुंची हैं। वे उपेक्षित महसूस करते हैं, लेकिन निराश नहीं हैं। आस लगाए बैठे हैं कि उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। मुख्य सड़क किनारे ही अनिता देवी की जनरल स्टोर की दुकान है। अनिता पढ़ी-लिखी महिला हैं। काफी मेहनती एवं जागरूक भी। कहती हैं सरकारी, योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को मिल रहा है। उनकी दुकान के बगल में ही रेखा देवी का घर है। रेखा अपनी दो बेटियों के खाने की व्यवस्था कर रही हैं। बेटियां अभी-अभी स्कूल से लौटकर घर पहुंची हैं। रेखा बताती हैं कि उन्हें उज्ज्वला योजना से गैस कनेक्शन मिला है। पहले लकड़ियों से खाना बनाना पड़ता था। धुआं से न केवल सेहत पर असर पड़ता था, बल्कि पूरा घर एवं बर्तन काले हो जाते थे। साफ सफाई में काफी परेशानी होती थी। अब ऐसी बात नहीं। आयुष्मान योजना का कार्ड भी बना है। रेखा को इसका लाभ भी मिला है। पेट का ऑपरेशन कराना था। कार्ड के आधार पर रिम्स में जाकर ऑपरेशन कराया।
पायल एवं पल्लवी खूंटी के आदर्श विद्यालय में पढ़ने जाती हैं। पहले गांव में ही सरकारी स्कूल था। इसे ढाई किलोमीटर दूर खूंटी के आदर्श विद्यालय में मर्ज कर दिया गया। लेकिन बच्चों की परेशानी नहीं बढ़ी। अब गांव के बच्चों को फ्री में निजी विद्यालय जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। सरकारी खर्चे पर बस आती है। बच्चों को आदर्श विद्यालय खूंटी ले जाया जाता है। छुट्टी होने पर उन्हें पुन: गांव लाकर छोड़ दिया जाता है।
गांव की मिला देवी अपने घर में चटाई पर बैठ कपड़े सिल रही हैं। कहती हैं, उन्हें गैस एवं शौचालय की सुविधा मिली है। अब खाना बहुत कम समय में बन जाता है। छात्र राजेश कहता है कि उसे पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति मिल रही है। गांव की रूना देवी, शोभा देवी, राजदिरी देवी, अशोक की पत्नी समेत कई महिलाओं का कहना है कि फॉर्म जमा करने के बाद भी उन्हें गैस कनेक्शन नहीं मिला है, लेकिन इन लोगों को भरोसा है कि उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। सरकार के कामकाज से लोग खुश हैं। उन्हें अन्य योजनाओं का लाभ मिला रहा है।
गांव में तीन जगहों पर पीने के पानी के लिए टंकी लगाई गई है। यह सोलर पर आधारित है। ग्रामीणों को पेयजल यहां से मिल जाता है। गांव के वकील महतो एवं गंदर्भ सिंह कहते हैं कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर योजनाओं का लाभ नहीं मिला है। लेकिन देश, राज्य एवं समाज के लिए जो काम हो रहे हैं, उससे वे संतुष्ट हैं।------
इशारों में कहती हैं, जरूर देंगी वोट
सहबोई एवं रुपनी देवी अपने घर के आगे बर्तन मांज रही हैं। दोनों की आयु लगभग 80 वर्ष पार चुकी है। इनमें से एक सुन नहीं सकती, तो दूसरी की आवाज ठीक से नहीं निकलती। अर्थात वह क्या बोलती हैं, आप समझ नहीं सकते। लेकिन दोनों आपस में एक-दूसरे की बात ठीक से समझ लेती हैं। पूछने पर मुझे उनकी बातें कुछ समझ में नहीं आई। लेकिन बगल की महिला उर्मिला देवी के पूछने उन्होंने इशारों में बताया कि उन्हें वृद्धा पेंशन मिलती है। दोनों वोट देने जरूर जाएंगी।
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स्वास्थ्य सुविधा के लिए सहिया की लेते हैं मदद
कई ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अस्पताल नहीं है, लेकिन आकस्मिक जरूरत पड़ने पर सहिया से मदद लेते हैं। सहिया शोभा देवी तुरंत फोन कर एंबुंलेंस बुला देती हैं।
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फैक्ट फाइल
विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता केके पासवान ने बताया कि जिले में दीनदयाल एवं सौभाग्य योजना से कुल 30 हजार नए उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिया गया है। जबकि 46 हजार पहले से कनेक्शन हैं। 70 हजार कनेक्शन करने का लक्ष्य है। लगभग सभी गांवों में बिजली के खंभे गाड़े जा चुके हैं। जहां छूटा है वहां भी एक माह में खंभे लगा दिए जाएंगे। उज्ज्वला योजना से 35436 लाभुकों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जा चुका है।