निगेटिव रिपोर्ट आने पर कोरोना संक्रमितों ने स्वास्थ्य केंद्र में किया हंगामा
कर्रा प्रखंड अंतर्गत बमरजा पंचायत के सरदुल्ला गांव में कोरोना की जांच किए जाने के बाद 43 संक्रमित मरीजों को गत बुधवार को एरेंडा खूंटी स्थित कोविड अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था।
कर्रा : कर्रा प्रखंड अंतर्गत बमरजा पंचायत के सरदुल्ला गांव में कोरोना की जांच किए जाने के बाद 43 संक्रमित मरीजों को गत बुधवार को एरेंडा, खूंटी स्थित कोविड अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था। शुक्रवार को हुई जांच में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें वापस घर भेजा गया। घर वापसी के क्रम में पीएचसी कर्रा के पास बस रुकवाकर सभी लोग अस्पताल परिसर में चले गए और जांच करने वाले डॉक्टर को खोजने लगे। इसी बीच वे लोग अस्पताल भवन की खिड़की के कांच को लाठी डंडे से मारकर तोड़फोड़ करने लगे। अस्पताल में उपस्थित कर्मियों ने स्थिति को देखकर दरवाजा बंद कर लिया। इस बात की जानकारी मिलते ही पुलिस बल के साथ कर्रा थाना प्रभारी, बीडीओ कुमार दिवेश द्विवेदी व सीओ पुष्पक रजक पीएचसी पहुंचे और उग्र भीड़ को शांत कराया। ग्रामीणों का कहना था कि हम लोगों की जांच गलत तरीके से की गई। एक दिन पहले पॉजिटिव और एक दिन बाद निगेटिव रिपोर्ट कैसे आई। ग्रामीणों ने कहा कि जहां एक भी पॉजिटिव केस निकलता है वहां आसपास का एरिया को सील कर दिया जाता है, लेकिन हमारे गांव में जब इतनी बड़ी संख्या में पॉजिटिव पाए गए तो फिर यहां एरिया को सील क्यों नहीं किया गया। महिलाओं का कहना था कि वे लोग जिउतिया का उपवास कर रही थीं। ऐसे में कोरोना न होते हुए भी उन्हें कोविड अस्पताल में रखा गया। इस गलती की सजा किसे मिलेगी। कुछ लोगों का तो सिर्फ नाम ही लिखाया था, फिर भी उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव कैसे आ गई थी। ऐसे में हम लोग जांच पर कैसे यकीन करें। उग्र लोगों को समझा-बुझाकर गांव भेजा गया। कुछ दूर में ही बमरजा पंचायत के मुखिया के आवास पर भी सभी लोग रुक गए और वहां भी हंगामा करने लगे। हालांकि, मुखिया उस समय घर पर नहीं थीं। इस बात की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी तुरंत वहां पहुंचे और उग्र भीड़ को हटाया। इसी बीच एसडीएम हेमंत सती भी वहां पहुंच गए। वे गांव जाकर लोगों से मिले और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की बात करते हुए संबंधित लोगों पर एफआइआर करने को कहा। इस संबंध में कर्रा थाना में 21 महिला-पुरुष के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।