दांडी यात्री पर निकले युवा संत पहुंचे बंगाल
मिहिजाम (जामताड़ा) उत्तराखंड के गंगोत्री से दांडी यात्रा आरंभ करनेवाले उत्तराखंड चमोली निवासी 35 वर्षीय रंजन कुमार मिश्र उर्फ लक्की बाबा रविवार की सुबह मिहिजाम से सुबह दस बजे पश्चिम बंगाल के रुपनारायणपुर पहुंच गए। दो दिनों से मिहिजाम नगर पर्षद क्षेत्र पार करने के दौरान मिहिजाम के प्रसिद्ध व्यवसायी अमरेंद्र तिवारी के यहां तिवारी लॉज में रात्रि विश्राम किया था। मालूम हो कि लकी बाबा आसनसोल से बाकुड़ा खड़गपुर होते हुए उड़ीसा के मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिग से रामेश्वरम यात्रा करके समापन करेंगे।
मिहिजाम (जामताड़ा) : उत्तराखंड के गंगोत्री से दांडी यात्रा आरंभ करनेवाले उत्तराखंड चमोली निवासी 35 वर्षीय रंजन कुमार मिश्र उर्फ लक्की बाबा रविवार की सुबह मिहिजाम से सुबह दस बजे पश्चिम बंगाल के रुपनारायणपुर पहुंच गए। दो दिनों से मिहिजाम नगर पर्षद क्षेत्र पार करने के दौरान मिहिजाम के प्रसिद्ध व्यवसायी अमरेंद्र तिवारी के यहां तिवारी लॉज में रात्रि विश्राम किया था। मालूम हो कि लकी बाबा आसनसोल से बाकुड़ा, खड़गपुर होते हुए उड़ीसा के मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिग से रामेश्वरम यात्रा करके समापन करेंगे। ज्योतिर्लिग का दर्शन पूर्ण करने के बाद अंतिम दर्शन नेपाल के काठमांडू अवस्थित पशुपतिनाथ का दर्शन करेंगे। गौरतलब हो कि लक्की मिश्र ने केदारनाथ त्रासदी में जब वर्ष 2013 में अपने परिवार के 21 लोगों को खो दिया तो गृहस्थ जीवन से ही विरक्ति हो गई। कहा कि जब जीवनदान मिला तो मानव जीवन के मोह भरे संसार से निकलकर संत बनने को ठाना और संत बनकर विश्व कल्याण के लिए द्वादश ज्योतिर्लिग दंड यात्रा पर निकल पड़े। बताया कि गंगोत्री से 28 मई 2018 को द्वादश ज्योतिर्लिग यात्रा के लिए दंड देते हुए निकले हैं। विश्व कल्याण व शांति को उद्देश्य बनाकर उन्होंने दंड यात्रा से अब तक केदारनाथ, काशी विश्वनाथ, बाबा वैद्यनाथ धाम का दर्शन पूरा कर लिया है। एक वर्ष आठ महीने में उन्होंने तीन ज्योतिर्लिग का दर्शन कार्य पूर्ण कर लिया है। अगला पड़ाव आंध्र प्रदेश के मलिकार्जुन ज्योतिर्लिग का दर्शन करना है।