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पांच सौ वर्षों से सियारकेटिया में हो रही मां भगवती की आराधना

संवाद सहयोगी नाला (जामताड़ा) सियारकेटिया गांव में दुर्गापूजा का उत्सव है। दो अलग-अलग पूजा मं

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 05:15 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:15 PM (IST)
पांच सौ वर्षों से सियारकेटिया में हो रही मां भगवती की आराधना

संवाद सहयोगी, नाला (जामताड़ा): सियारकेटिया गांव में दुर्गापूजा का उत्सव है। दो अलग-अलग पूजा मंडप में दुर्गा माता की पूजा अर्चना की जा रही है। पहले यहां मिट्टी के मंडप में मां की पूजा होती थी। पांच सौ वर्षों से यहां मां की आराधना भक्ति भाव से की जा रही है। अब सभी के सहयोग से पक्का मंडप तैयार कर लिया गया है। भट्टाचार्य परिवार के मंडप व मां सिंहवाहिनी पूजा मंडप पर मां दुर्गा सहित विभिन्न देव देवियों की प्रतिमा स्थापित कर आराधना की जाती है। कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार पूजा को भव्यता से दूर रखा गया है।

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पूजा कमेटी ने सरकार की गाइडलाइन के पालन के लिए मेला व दुकान लगाने में पाबंदी लगाई है। दर्शन में भीड़ भी नहीं लगने दी जाएगी। लोगों को शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए दूर से ही माता का दर्शन करना होगा। भट्टाचार्य परिवार की ओर से की जा रही पूजा व मां सिंहवाहिनी मंदिर की पूजा का इतिहास पांच सौ वर्ष पुराना है। पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार विधि विधान के साथ यहां पूजा की जाती है। इस साल भले ही कोविड 19 वैश्विक महामारी से निपटने को लेकर सरकार के निर्देशों के अनुसार पूजा संपन्न कराई जा रही है फिर भी पूजा कमेटी व भक्तों के बीच उत्साह में कमी नहीं है। पूरे गांव के लोग मंदिर परिसर पहुंच रहे हैं और माता का आशीर्वाद ले रहे हैं।

मालूम हो कि भट्टाचार्य व बनर्जी परिवार प्रति साल बदल-बदल कर पूजा की जिम्मेदारी संभालते हैं। इस साल भट्टाचार्य परिवार ने पूजा का बीड़ा उठाया है। जबकि सिंहवाहिनी मंदिर में परमानंद बनर्जी व उनके स्वजन पूजा की व्यवस्था संभाल रहे हैं।


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