सखी मंडल से जुड़ महिलाएं नेतृत्व क्षमता का करें विकास
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) संकुल स्तर के संगठन में जुड़कर सखी मंडल की महिलाएं अपनी उन्नति के रास्ते को और प्रशस्त कर सकती हैं। कई पंचायतों में संगठन का नेतृत्व करने की क्षमता इस संगठन से जुड़कर विकसित करने का मौका हर महिला को मिल सकता है। अपने घरेलू कार्य को निपटाकर महीने में दो बार यदि संकुल स्तर के संगठन की बैठक में महिलाएं शामिल होंगी तो निश्चित रूप से यह संगठन एक आर्थिक कारोबार का बड़ा संस्थान बनेगा।
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : संकुल स्तर के संगठन में जुड़कर सखी मंडल की महिलाएं अपनी उन्नति के रास्ते को और प्रशस्त कर सकती हैं। कई पंचायतों में संगठन का नेतृत्व करने की क्षमता इस संगठन से जुड़कर विकसित करने का मौका हर महिला को मिल सकता है। अपने घरेलू कार्य को निपटाकर महीने में दो बार यदि संकुल स्तर के संगठन की बैठक में महिलाएं शामिल होंगी तो निश्चित रूप से यह संगठन एक आर्थिक कारोबार का बड़ा संस्थान बनेगा। उक्त बातें आंध्र प्रदेश आजीविका मिशन के स्टेट रिसोर्स पर्सन पीबी लक्ष्मी व एस ज्योति ने नारायणपुर प्रखंड के डाभाकेंद्र पंचायत मंडप में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कही।
---आजीविका मिशन से कुंठित जीवन से मुक्ति पाएं : पंचायत भवन में रूपडीह4, शहरपुर, टोपाटांड़, बंदरचुवां, डाभाकेंद्र पंचायत के 19 ग्राम संगठन की अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष शामिल थीं। सप्ताह के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में दोनों रिसोर्स पर्सन ने संकुल स्तर के संगठन को चलाने की हर गतिविधि से अवगत कराया। संकुल संगठन क्या है, उसकी बैठक कैसी करनी है, उससे जुड़कर क्या लाभ मिल सकता है, इन सभी विषयों को बेहतर तरीके से सैद्धांतिक व प्रायोगिक रूप से बताया जा रहा है। रविवार को टीम की दोनों सदस्यों ने महिलाओं से कहा कि सभी को अपने अंदर छिपी प्रतिभा को उजागर करने का मौका सरकार के आजीविका मिशन ने दिया है। आप जो कुंठित जीवन में जी रहे थे, उसे उबरने को मौका मिला है। महिलाओं को समाज सिर्फ घर आंगन की प्राणी समझता था, अब उससे थोड़ा आप सभी को अलग कर दिखाना है। हर महिला को अपनी क्षमता से परिवार को आर्थिक उन्नयन की दिशा में आगे बढ़ाना है। आप सभी ने सखी मंडल से जुड़कर छोटी-छोटी बचत करना प्रारंभ कर दिया है। अब तो वर्ष भर से सभी ने हजारों रुपये अपने सखी मंडल की पूंजी भी बना ली है। ग्राम संगठन से जुड़कर कई सखी मंडल का लीडर बनने का मौका मिला है। इसे थोड़ा और आगे बढ़ाकर संकुल स्तर के लीडर बनने का लाभ उठाएं।
---ग्राम संगठन की पूंजी में सभी हिस्सेदारी दें : कहा गया कि यह संकुल संगठन पांच पंचायतों पर बना है। पांच पंचायतों के ग्राम संगठन की पूंजी इसमें शामिल होगी। सभी को अपनी हिस्सेदारी इसमें देना है। इस संगठन को बैंक से जोड़ना है और बैंक से भी लेन-देन करना है। यदि संकुल संगठन से किसी ग्राम संगठन को ऋण की आवश्यकता पड़ेगी तो उसे भी देना है। इस प्रकार विभिन्न प्रकार के लेन-देन से यह संगठन बेहतर कारोबार स्थापित करने में आगे बढ़ेगा। सरकार के स्तर से जो रोजगार प्रशिक्षण मिलेगा। बेहतर काम करने पर बैंक व सरकार ऋण उपलब्ध कराएगी। लाखों रुपये ऋण लेकर अपने कारोबार को राज्यस्तर पर चमका सकते हैं। आपके द्वारा निर्मित सामग्रियों को सरकार के स्तर से बिक्री कराने की व्यवस्था की जाएगी।
प्रशिक्षकों ने कहा कि आप इस संगठन को बेहतर तरीके से चलाएं इसके प्रत्येक बैठक में सभी सदस्य शामिल होना सुनिश्चित करें। सरकार व आजीविका मिशन की गाइडलाइन का अनुपालन करें। यदि नियम के अनुरूप संगठन का संचालन होगा तो गठन का उद्देश्य साकार होगा। मौके पर मंजू देवी, आशमा बीबी, मीना देवी, सहिना बेगम, जहीना प्रवीण, मलोति सोरेन, अर्चना देवी, नाशिमा बीबी, जैनब खातून आदि उपस्थित थीं।