विधवा को नहीं मिला खाद्य सुरक्षा का लाभ
लाखों-करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी यदि जरूरतमंद को महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नहीं मिले तो इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है?
संवाद सहयोगी, मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : लाखों-करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी यदि जरूरतमंद को महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नहीं मिले तो इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है? खाद्य आपूर्ति विभाग हर जरूरतमंदों को सस्ती दर पर अनाज मुहैया कराने के लिए पीएचएच व अंत्योदय कार्ड उपलब्ध कराता है। लेकिन, नारायणपुर प्रखंड में कई ऐसे जरूरतमंद ग्रामीण हैं जिन्हें राशन कार्ड अब तक नहीं मिला। इन्हें अब तक यह नहीं पता है कि सरकार की कौन-कौन सी कल्याणकारी योजना उनके लिए है। ऐसी ही विडंबना की बानगी है कि प्रखंड की टोपाटांड़ पंचायत के जगवाडीह गांव की एक आदिवासी परिवार की मुखिया सह विधवा-वृद्ध महिला है। करीब 60 वर्षीय निरसी देवी अपने पुत्र-पतोहू व पोतों के साथ गांव में रहती है। छह सदस्यों वाले इस परिवार में तीन बच्चे हैं। बेहद गरीबी में जी रहे इस परिवार के पास कमाने वाले एकमात्र व्यक्ति कारू मोहली ही है। यह परिवार तो बांस से बनने वाले बर्तनों को बना सकता है, लेकिन इनके पास इतनी पूंजी नहीं है कि यह बांस की खरीदारी कर अपने धंधे को कर सके। दमा से जूझ रही विधवा महिला निरसी देवी के पति की वर्षों पूर्व मृत्यु हो गई। ऐसे परिवार को अब तक खाद्य आपूर्ति विभाग एक राशन कार्ड उपलब्ध नहीं करा सका है।
--ऑनलाइन आवेदन बना बाधक : निरशी देवी की माने तो उन्होंने तीन बार आवेदन प्रखंड कार्यालय को दिया। ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाई है। बताया कि एक पुत्र के भरोसे सारे परिवार का गुजर-बसर होता है। सरकार की किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। वह एक सरकारी घर व राशन कार्ड चाहती है। उन्होंने उपायुक्त अपनी मांग पूरी करने की गुहार लगाई है। दमा की बीमारी झेल रही निरसी देवी शारीरिक रूप से काफी दुर्बल है। अब तक जनप्रतिनिधियों ने भी उसपर ध्यान नहीं दिया।