बैंकों की बेरुखी से सखी मंडल योजनाओं के लाभ से वंचित
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा संचालित सखी मंडल योजना को बैंकों का सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा है। जिस अनुपात में नारायणपुर प्रखंड के विभिन्न गांवों में सखी मंडल का गठन हुआ है उस अनुपात में इनका बचत खाता बैंकों में नहीं खुल रहा है।
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा संचालित सखी मंडल योजना को बैंकों का सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा है। जिस अनुपात में नारायणपुर प्रखंड के विभिन्न गांवों में सखी मंडल का गठन हुआ है उस अनुपात में इनका बचत खाता बैंकों में नहीं खुल रहा है। यह बात तब सामने आयी जब इस महत्वपूर्ण योजना संचालन में लगे आजीविका मिशन की प्रखंड स्तरीय टीम की समीक्षा बैठक बीएपी उमेश कुमार की अध्यक्षता में नारायणपुर कार्यालय में हुई। इस योजना संचालन में लगे कर्मियों ने बीएपी के समक्ष बताया कि क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक चैनपुर शाखा में करीब छह माह पूर्व 112 सखी मंडल का बचत खाता खोलने के लिए आवेदन पत्र समर्पित किया गया है लेकिन बैंक प्रबंधन कभी कर्मी की कमी का बहाना तो कभी लिक चले जाने का बहाना कर बचत खाता खोलने में सहयोग नहीं कर रहे हैं। लिहाजा सुदूरवर्ती इलाके के विभिन्न गांवों के 112 समूह अब तक बैंक से लिकेज नहीं हो सके हैं। उन्हें अपने बचत राशि का जमा धन सखी मंडल में ही रखने की विवशता बनी हुई है। इसी प्रकार क्षेत्र के एक और बैंक भारतीय स्टेट बैंक पांडेयडीह की शाखा में भी कुछ ऐसी ही समस्याएं सामने आयी। इस शाखा में छह माह पूर्व 44 फॉर्म खाता खोलने के लिए जमा किया गया था। इस पर भी अभी तक कार्य नहीं हो पाया। यहां भी कुछ ऐसा ही बहानेबाजी किया जा रहा है। आजीविका मिशन की प्रखंड स्तरीय टीम ने बैंक की लचर व्यवस्था के खिलाफ नाराजगी व्यक्त किया है। टीम ने बैठक के दौरान साफ शब्दों में कहा कि सरकार जिस उद्देश्य से सखी मंडल का गठन कर इसे आगे बढ़ाने की योजना बनाई है यदि इसी कदर बैंकों का असहयोग हम सभी को मिला तो इस योजना को समय पर पूरा करना संभव नहीं हो पाएगा। महिलाएं सरकार की महत्वाकांक्षी योजना से वंचित रह जाएंगी। उन्हें बैंक से ऋण नहीं मिल पाएगा और न ही प्रशिक्षण प्राप्त कर विभिन्न प्रकार के व्यवसाय को गति दे पाएंगे। ज्ञात हो कि जब सखी मंडल का बैंक लिकेज हो जाता है तो सरकारी स्तर से इसे बेहतर ढंग से चलाने के लिए 21 हजार रुपये इनके खाते में दिए जाते हैं। जिन समूहों का बचत खाता नहीं खुला है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। यही कारण है कि एक-दो नहीं बल्कि 900 सखी मंडल यहां ऐसे हैं जिनका बैंक लिकेज अब भी बाकी है। बैठक में एक और विषय उभर कर सामने आया वह विषय बैंक ऋण का है। विभिन्न बैंकों के विभिन्न शाखाओं में 118 सखी मंडल का आवेदन ऋण के लिए महीनों से लंबित है। इन आवेदनों पर नारायणपुर प्रखंड के विभिन्न बैंक की शाखाएं नजर तक नहीं दौड़ा रही हैं। यदि इनके आवेदन के अनुसार इन्हें बैंकों के माध्यम से ऋण दे दिया जाता तो यह सखी मंडल की महिलाएं अपने व्यवसाय को नई चमक व दमक के साथ आगे बढ़ाती लेकिन बैंक मिशनरी सरकार की इस योजना में पलीता लगाने का काम कर रही है। बैठक में सखी मंडल से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीरता पूर्वक चर्चा हुई व जनवरी तक सभी सखी मंडल को बैंक से लिकेज करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मौके पर इकबाल अंसारी, गंगाधर पंडित, जय नारायण पंडित, जयदेव पंडित, मंजू देवी, परवेज अंसारी, सिद्धेश्वर कुमार, रंजीत कुमार, बसंती कुमारी आदि उपस्थित थे।