jamtara news ठगी की शिकायत करने वाला साफ्टवेयर इंजीनियर निकला साइबर ठग
11 सितंबर को साफ्टवेयर इंजीनियर ने स्थानीय थाने में तीन लाख ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। समाजसेवी का चोला ओढ़नेवाला इस इंजीनियर की गिरफ्तारी तब हुई जब पुलिस मामले की जांच में जुट गई। दोनों के तार ठग संतोष से जुड़े हैं पुलिस अन्य की तलाश कर रही है।
जागरण संवाददाता, जामताड़ा : पिछले माह 11 सितंबर को तीन लाख की साइबर ठगी की जिस साफ्टवेयर इंजीनियर ने जामताड़ा थाने में शिकायत की वह ठगी का मास्टरमाइंड निकला। जामताड़ा की मास्टर कालोनी के इस साफ्टवेयर इंजीनियर कुंदन झा और समाजसेवी का चोला ओढ़े विधान सर्खेल को साइबर ठगी से जुड़े होने के आरोप में पुलिस ने दबोचा है। इनसे पूछताछ हो रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार ठगी के इन आरोपितों के तार सोनबाद के साइबर ठग संतोष रक्षित से जुड़े हैं। जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस को रक्षित की अरसे से तलाश है जो काफी समय से साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। उसने करोड़ों की संपत्ति बनाई है। दरअसल, 11 सितंबर को जामताड़ा साइबर थाने में सर्खेलडीह मास्टर कालोनी के कुंदन ने तीन लाख रुपये ठगी की शिकायत करते हुए कहा कि साइबर ठग ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर घर बैठे आनलाइन पैसे का निवेश कर बेहतर रिटर्न पाने की तकनीक की जानकारी दी। इसके बाद थामस कुक प्राइवेट कंपनी के नाम पर बेहतर ग्रोथ और रिटर्न की निवेश योजना इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की। इसके बाद 10 हजार रुपये निवेश करने को कहा।
ठगों के भेजे लिंक पर इंजीनियर ने बैंक खाते से 10 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। झांसे में लेने के लिए शातिरों ने पीड़ित के खाते में 15 हजार रुपये जमा किए। उनसे अधिक राशि निवेश करने को कहा। अलग-अलग अकाउंट नंबर का लिंक भेजा। उनके झांसे में आकर इंजीनियर ने 10 हजार फिर 20 हजार, 50 हजार और धीरे-धीरे कुल तीन लाख रुपये अलग-अलग खातों पर भेज दिए। बावजूद उसके खाते में कोई कैश रिटर्न नहीं आया। तब पता चला कि साइबर ठगी के शिकार बने हैं। पुलिस जांच में ही जुटी थी कि पता चला कुंदन खुद ही शातिर साइबर ठग है।