बीडीओ के निरीक्षण के बाद भी स्कूलों की दशा नहीं सुधर रही
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) प्रखंड विकास पदाधिकारी महेश्वरी प्रसाद यादव व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सतत प्रयास के बाद भी नारायणपुर शैक्षणिक अंचल के विद्यालयों के बेहतर संचालन में बहुत कुछ बदलाव नहीं आया है। विभागीय अधिकारियों के अलावा जब बीडीओ स्वयं क्षेत्र में बेहतर शैक्षणिक माहौल तैयार करने के लिए विद्यालयों का भी निरीक्षण शुरू किया तो लगा कि इस अभियान से विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति में वृद्धि होगी। शिक्षा विभाग के नियमों का अनुपालन विद्यालयों में दिखेगा।
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : प्रखंड विकास पदाधिकारी महेश्वरी प्रसाद यादव व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सतत प्रयास के बाद भी नारायणपुर शैक्षणिक अंचल के विद्यालयों के बेहतर संचालन में बहुत कुछ बदलाव नहीं आया है। विभागीय अधिकारियों के अलावा जब बीडीओ स्वयं क्षेत्र में बेहतर शैक्षणिक माहौल तैयार करने के लिए विद्यालयों का भी निरीक्षण शुरू किया तो लगा कि इस अभियान से विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति में वृद्धि होगी। शिक्षा विभाग के नियमों का अनुपालन विद्यालयों में दिखेगा। शिक्षक समय सारणी के अनुसार बच्चों को अध्यापन कार्य कराएंगे। गुणवत्तापूर्ण मध्याह्न भोजन मिलेगा। विद्यालय परिसर में सरकारी स्तर से विभिन्न प्रकार के निर्माण किए गए कार्यो का लाभ बच्चों को मिलेगा लेकिन यह उद्देश्य बहुत हद तक पूरा होते नजर नहीं आ रहा है।
कई विद्यालयों में निरीक्षण का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है लेकिन सुदूरवर्ती इलाके के विद्यालय में असरहीन रहा। इतना जरूर हुआ कि अब विद्यालय बंद रहने की शिकायत नहीं मिल रही। बॉयोमैट्रिक उपस्थिति से शिक्षकों का जुड़ाव विद्यालय से बढ़ा है। लेकिन विद्यालय अवधि में अनुशासन का माहौल, बच्चों की उपस्थिति विद्यालय खुलते ही होने, समय सारणी के अनुसार बच्चों को पढ़ाए जाने, मध्याह्न भोजन दुरुस्त मिलने व ड्रेस कोड में बच्चों के पहुंचने से जुड़े क्रियाकलापों में सुधार नहीं दिख रहा है।
---केस स्टडी वन : दैनिक जागरण की टीम अपराह्न 12:32 बजे उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय कोल्हरिया पहुंची तो यहां इस समय 21 विद्यार्थी विद्यालय परिसर में उपस्थित थे। कोई बच्चा बरामदे में बैठकर गप लड़ा रहा था तो कई बच्चे खेल में मस्त थे। बच्चों से जब शिक्षकों के बारे में पूछा गया तो बच्चों ने बताया कि शिक्षक अभी कुछ देर पहले अपने घर को गए हैं। हालांकि चंद मिनट बाद ही एक-एक कर दोनों शिक्षक विद्यालय पहुंच गए। उनसे जब पूछा गया तो प्रधानाध्यापक मोहम्मद यूनुस ने बताया कि उन्हें चिकित्सक ने गर्म पानी पीने को कहा है। पानी पीने गया था। वहीं अपने अन्य सहयोगी के बारे में उन्होंने बताए इनकी तबीयत खराब रहती है, इसलिए घर गए थे। जब बच्चों की उपस्थिति के बारे में जानकारी ली गई तो इस वक्त तक बच्चों की उपस्थिति पंजी में नहीं बनी थी। प्रधानाध्यापक ने कहा की उपस्थिति अब बनाई जाएगी। रविवार को 40 बच्चे उपस्थित हैं जबकि यहां 56 बच्चे नामांकित हैं। यहां मध्याह्न भोजन खिचड़ी बनाई जा रही थी। दो रसोईया विद्यालय भवन के एक कमरे में बच्चों के लिए गैस के चूल्हे में एमडीएम पका रही थी। परिसर में चापाकल उपयोग लायक नहीं बताया गया जबकि बच्चों के उपयोग के लिए सरकार के 14वीं वित्त आयोग से बने हैंडवॉश यूनिट उपयोग लायक नहीं थी। इसमें न तो नल का ठिकाना था और न ही मोटर का। प्रधानाध्यापक ने बताया कि निर्माण के एक-दो महीने के बाद ही मोटर की चोरी हो गई जबकि नल आदि भी चोर उखाड़ कर ले गए।
---केस स्टडी टू : जब टीम अपराह्न 12:51 बजे उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय बंदरचुवां पहुंची तो यहां दोनों शिक्षिका हशिबा खातून, रुजीना खातून उपस्थित थीं। बच्चे खेल रहे थे। यहां नामांकित 184 में से 55 विद्यार्थी उपस्थित थे। हालांकि इस समय तक बच्चों की उपस्थिति पंजी में संधारित नहीं थी। एमडीएम में दाल-भात, चोखा दिया गया था। सभी बच्चे ड्रेस में नहीं थे। जब प्रधान शिक्षिका से बिना ड्रेस पहने बच्चों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने बताया की पिछले वर्ष यहां के अधिकतर बच्चों को पोशाक नहीं मिली थी। कारण कक्षा तीन से लेकर पांच तक के महज 42 बच्चों का ही खाता बैंक में खुल पाया है। बैंक में खाता नहीं रहने के कारण इनकी पोशाक की राशि इन्हें नहीं प्राप्त हुई। यही कारण है कि ये बिना ड्रेस के विद्यालय आ रहे हैं। उन्होंने बताया की यहां कक्षा तीन से पांच तक कूल 124 बच्चे नामांकित हैं। छात्र ड्रेस के साथ-साथ छात्रवृत्ति से भी वंचित हैं। अब इसके पीछे कारण जो भी हो। विद्यालय में अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त पाई गई। प्रधानाध्यापिका हसीबा खातून ने बताया की विद्यालय परिसर में स्वच्छता का माहौल बरकरार रखने के लिए चारदीवारी का निर्माण आवश्यक है।
--क्या कहते हैं अधिकारी : प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी वंशीधर राम ने बताया कि विद्यालय खुलने का समय पूर्वाह्न 9:00 बजे है और 12:00 से 1:00 तक यदि बच्चों की उपस्थिति पंजी में नहीं बनी है तो यह गंभीर विषय है। जिम्मेदार प्रधानाध्यापक को विद्यालय नियम-कानून के साथ चलाने का निर्देश दिया गया है। यदि ऐसे मामले सामने आ रहे हैं तो इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।