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चिरेका में दस महिला कोरोना योद्धाओं को किया सम्मानित

करमाटांड़ में झारखंड बिहार और पश्चिम बंगाल के साहित्यकार कवि प्राध्यापक सांस्कृतिक कर्मी समेत सामाजिक कार्य से जुड़े लोगों की उपस्थिति में महिला सशक्तीकरण पर संगोष्ठी की गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Mar 2021 06:54 PM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 06:54 PM (IST)
चिरेका में दस महिला कोरोना योद्धाओं को किया सम्मानित
चिरेका में दस महिला कोरोना योद्धाओं को किया सम्मानित

जामताड़ा : चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर दस महिला कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया गया। मिहिजाम में सामाजिक संस्था ने रैली निकाली। वहीं करमाटांड़ में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के साहित्यकार, कवि, प्राध्यापक, सांस्कृतिक कर्मी समेत सामाजिक कार्य से जुड़े लोगों की उपस्थिति में महिला सशक्तीकरण पर संगोष्ठी की गई।

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चिरेका की ओर से बासंती इंस्टीट्यूट में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को इस वर्ष के विषय चुनौती के लिए चुनें के अवसर पर कार्यक्रम हुआ। चिरेका महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष नमिता कश्यप, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। चिरेका के जीएम सतीश कुमार कश्यप के अलावा सम्मानित अतिथि में के रूप में प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी व चिरेका एसबीएफएमसी के अध्यक्ष एसडी पाटीदार समेत सीनियर डीएमओ व केजी अस्पताल के सह आयोजक सचिव डॉ. टुलू चक्रवर्ती, चिरेका महिला कल्याण संगठन की अन्य सदस्य, चिरेका के विभिन्न विभागों के प्रधान विभागाध्यक्ष, वरीय अधिकारीगण तथा बड़ी संख्या में महिलाएं व चिरेका की महिला कर्मचारीगण उपस्थित थीं। इस दौरान अध्यक्ष नमिता कश्यप ने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला तथा देश और दुनिया में महिला सशक्तीकरण की मिशाल बनी सफल महिलाओं के जज्बे की भी तारीफ की। उन्होंने अधिकारी एसडी पाटीदार के प्रयास से और स्टाफ बेनिफिट फंड की प्रबंधकीय समिति की सहायता से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के सफल आयोजन की सराहना की। मौके पर महिलाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत कोविड-19 की अवस्था विषय पर केंद्रित लघु नाटिका, समूह नृत्य और गान और कविता की शानदार प्रस्तुति ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उसके बाद चयनित महिला कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र व उपहार देकर सम्मानित किया गया। चिरेका एसबीएफ की ओर से आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार भी दिया गया। इस बीच महाप्रबंधक कार्यालय के प्रशासनिक भवन स्थित बैठक कक्ष सभागार में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में चिरेका के जीएम सतीश कुमार कश्यप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग से रेलवे बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों व देश भर के सभी रेल जोन के अधिकारी और महिलाओं ने अपने अपने कार्य उपलब्धि को साझा किया।

विधवा विवाह की शुरुआत विद्यासागर के जीवन का सबसे महान कार्य

संस, करमाटांड़ : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सोमवार देर शाम को राष्ट्रीय मंच मुक्ताकाश गोष्ठी के सौजन्य से करमाटांड़ (विद्यासागर) नंदन कानन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के साहित्यकार, कवि, प्राध्यापक, सांस्कृतिक कर्मी तथा सामाजिक कार्य से जुड़े लोग शामिल हुए। विद्यासागर ऑडिटोरियम भवन में विद्यासागर और राजा राम मोहन राय पर माल्यार्पण कर महिला सशक्तीकरण पर गोष्ठी की गई। पटना के प्रतिनिधि तृषा पाल अपने वक्तव्य में कहा कि विधवा विवाह की शुरुआत विद्यासागर की जीवन के सबसे महान कार्यो में से एक है। विद्यासागर ने विधवाओं को अधिकार दिलाने के साथ साथ कुछ अन्य अधिकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पश्चिम बंगाल के साहित्यकार मानस बंद्योपाध्याय ने कहा कि नारी उन्नति विद्यासागर के जीवन का प्रधान उद्देश्य व चेष्टा का केंद्र बिदु रहा। जीवन के शेष काल तक उन्होंने वीरसिंह ग्राम की नारियों के लिए भगवती विद्यालय की स्थापना की। डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि विद्यासागर हिंदू महिलाओं विशेष रूप से विधवाओं की अवर्णनीय दुर्दशा और असहायता से भलीभांति परिचित थे। नारी समाज के प्रति बाल्य काल से ही उनके मन में अनेक प्रश्न उमड़ रहे थे। झारखंड बंगाली समिति के प्रदेश अध्यक्ष विद्रोह मित्रा ने कहा कि सतीदाह प्रथा भारत में महिलाओं के उत्पीड़न का एक बड़ा उदाहरण है।

साहित्य से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित किया गया : मुक्ताकाश मंच के माध्यम से तीन महिलाओं को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार दिया गया। जिन्होंने अपने लेखनी के माध्यम से बंगला साहित्य को एक नई दिशा प्रदान की। पटना से तृषा पाल को प्रथम, जमशेदपुर से पूरवी चटर्जी को द्वितीय तथा जमशेदपुर से ही पार्वती मजूमदार को तृतीय पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र के साथ साथ मोमेंटो प्रदान किया गया। रांची से प्रकाशित होनेवाली बांग्ला दैनिक पत्रिका के संपादक सिद्धार्थ बंदोपाध्याय को भी मुक्ताकाश मंच के माध्यम से प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

आदिवासी महिलाओं को भी सम्मानित किया गया : मुक्ताकाश गोष्ठी में आदिवासी महिलाओं को नए वस्त्र के साथ साथ सेनेटरी नैपकिन, सनिटाइजर, साबुन आदि वितरण किया गया। पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के नंदनकानन में संचालित सिलाई मशीन में प्रशिक्षित महिलाओं को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। मिहिजाम में लीगल राइट्स ने रैली निकाली : महिला दिवस के मौके पर सोमवार को लीगल राइट्स ने रैली निकाल कर महिलाओं को अपने अधिकार के प्रति जागरूक किया। रैली में महिलाएं व छात्राएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ली और नारी शक्ति का प्रदर्शन किया। रैली बेसिक स्कूल मिहिजाम से शुरू होकर इंदिरा चौक होते हुए वापस बेसिक स्कूल में समाप्त हुई।

मंझलाडीह में रैली के जरिए महिलाओं को किया गया जागरूक : मंगलवार को प्रखंड के विभिन्न तेजस्विनी क्लबों में महिला दिवस समारोह मनाया गया। क्लब की किशोरियों व युवतियों ने हिस्सा लिया। तेजस्विनी क्लब जसपुर, आमजोरिया, बनबेड़िया, दुमदुमी में किशोरियों ने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके अलावा नाला-4, कास्ता, सिंदुकुनिया, मनिहारी, भंडारबेड़ा आदि में क्लबों के सदस्यों ने महिला सशक्तीकरण, बाल विवाह, दहेज प्रथा आदि विषयों पर नाटक प्रस्तुत किया। मंझलाडीह के सदस्यों ने रैली निकालकर गांव-गांव जाकर महिलाओं को अधिकार के प्रति जागरूक किया।


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