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किशोरी व युवतियों को स्वावलंबन की सीख देने को मिला प्रशिक्षण

जामताड़ा राज्य सरकार की ओर से संचालित हुमाना पीपुल टु पीपुल इंडिया एवं तेजस्विनी परियोजना के तहत शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र बेना में दो दिवसीय कलस्टर समन्वयक का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में जिले के चार प्रखंड फतेहपुर नारायणपुर जामताड़ा करमाटांड़ के कलस्टर समन्वयक शामिल हुए। तेजस्वनी परियोजना के एनपीएम पदाधिकारी धरमपाल गुज्जर जोनल पदाधिकारी दीपायन ने प्रशिक्षण के उद्देश्य एवं प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कलस्टर समन्वयक को मिली जवाबदेही से अवगत कराया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 07:03 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 07:03 PM (IST)
किशोरी व युवतियों को स्वावलंबन की सीख देने को मिला प्रशिक्षण

जामताड़ा : राज्य सरकार की ओर से संचालित हुमाना पीपुल टु पीपुल इंडिया एवं तेजस्विनी परियोजना के तहत शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र बेना में दो दिवसीय कलस्टर समन्वयक का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में जिले के चार प्रखंड फतेहपुर, नारायणपुर, जामताड़ा, करमाटांड़ के कलस्टर समन्वयक शामिल हुए। तेजस्वनी परियोजना के एनपीएम पदाधिकारी धरमपाल गुज्जर, जोनल पदाधिकारी दीपायन ने प्रशिक्षण के उद्देश्य एवं प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कलस्टर समन्वयक को मिली जवाबदेही से अवगत कराया। मौके पर उक्त परियोजना पदाधिकारी ने दिवसीय प्रशिक्षण की गुणवत्ता को परखा।

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कलस्टर समन्वयक को परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि 14 से 24 वर्ष के आयु वर्ग की किशोरी एवं युवतियों को जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी शारीरिक मानसिक, सामाजिक, आर्थिक समस्या उसके जीवन में बाधा डालते रहती है। समस्याओं के निदान को लेकर जिले में 584 तेजस्विनी क्लब का गठन किया गया है। गठित क्लब में जिले के 27000 हजार किशोरी एवं युवतियों को एक प्लेटफार्म पर लाया जा चुका है। ये सभी क्लब के माध्यम से अपने पोषक क्षेत्र में संगठन के रूप में सामाजिक कुप्रथा बाल विवाह, बाल श्रम, कम उम्र में मां बनने का दबाव, शिक्षा का अधिकार से वंचित होना, यौन शोषण प्रथा, रोजगार से वंचित रहने की रोकथाम करेंगे।

बताया कि तेजस्विनी परियोजना प्रदेश के सभी जिले में किशोरी-युवतियों को स्वावलंबन बनाने का काम करेगी। प्रशिक्षक दीपायन ने प्रशिक्षुओं को तेजस्विनी परियोजना के उद्देश्य, रूपरेखा, संरचना, सामाजिक भागीदारी से अवगत कराया। कहा कि सभी सदस्यों को संगठित होकर काम करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला समन्वयक जयंत भगत ने बताया की किशोरी एवं युवतियों को आर्थिक, सामाजिक रूप से तेजस्विनी बनाने के लिए परियोजना सक्रिय रूप से जिले में काम कर रही है। तेजस्विनी परिवार के सदस्यों को जीवन कौशल के माध्यम से शिक्षा तथा व्यवसायिक प्रशिक्षण देखकर स्वावलंबी बनाना ही परियोजना का मुख्य उद्देश्य है। प्रशिक्षक बाबूलाल दास, विवेक सिंह, शान्ति गोपाल महतो, तापस, गौतम भगत, तरुण झा, नयन मंडल आदि ने भी प्रशिक्षुओं को परियोजना के कार्य व दायित्व का बोध कराया।


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