प्रकृति पर्व सोहराय से लें भाईचारा का संदेश
जामताड़ा स्थानीय जेबीसी प्लस टू उच्च विद्यालय परिसर में शनिवार को सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सुनील कुमार बास्की सुशील कुमार मरांडी एवं विद्यालय के प्राचार्य आचार्य रामानंद पांडेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।
जामताड़ा : स्थानीय जेबीसी प्लस टू उच्च विद्यालय परिसर में शनिवार को सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सुनील कुमार बास्की, सुशील कुमार मरांडी एवं विद्यालय के प्राचार्य आचार्य रामानंद पांडेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। अतिथियों को विद्यालय की छात्राओं के द्वारा संताली लोक गीत संगीत प्रस्तुत कर भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षक सुनील कुमार बास्की ने कहा कि हमारी प्रचीन परंपरा आज विलुप्त हो रही है। उसे बचाने के लिए इस तरह का कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा। इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम हमेशा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोहराय झारखंड की सबसे बड़ी जनजाति संताल समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है। इसकी तुलना समाज इतिहास के अनुसार धरती के सबसे बड़े जानवर हाथी से की गई है। यह पूजा गोड़ टांड़ी से शुरू होकर गो आरती पूजा आदि निर्धारित है और समाज के लोग ही यह पूजा-अर्चना कर सकते हैं। शिक्षक सुशील कुमार मरांडी ने लोगों को इस महान पर्व को आपस में मिलजुल कर एवं भाईचारे के साथ मनाने की बातें कही। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सोहराय मिलन समारोह का आयोजन होने से सभी को एकजुट होने का मौका मिलता है। मौके पर विद्यालय के प्राचार्य रामानंद पांडेय ने आदिवासी समुदाय के लोगों को सोहराय पर्व की शुभकामनांए दी और कहा कि आदिवासी समाज के उत्थान के लिए सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। जिसका लाभ आप लोग जागरूक होकर लें। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को शिक्षित करें। प्रत्येक दिन विद्यालय भेजे। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद के रूप में खिचड़ी का वितरण किया गया। मौके पर कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक एबीमाइल टुडू, उमेश चंद्र मिश्र, मनोज सिंह, दिवाकर मंडल, नेपाल दत्त, संदीप पांडेय, रामाश्रय साव, देवेंद्र मरांडी के अलावा विद्यालय के संतोष, कुमार मरांडी, सिकंदर मरांडी, महेंद्र सोरेन, हरिश्चंद्र मुर्मू, रवि टुडू, प्रीति टुडू, नीता किस्कू, रोबोनी मुर्मू, पिबासा बेसरा आदि छात्र छात्राएं मौजूद थीं।