राजमा खेती के लिए चार सौ किसानों को मिला बीज
जामताड़ा : जिले के किसान द्वितीय हरित क्रांति की ओर अग्रसर हैं। ऐसे में कृषि विभाग पहली बार
जामताड़ा : जिले के किसान द्वितीय हरित क्रांति की ओर अग्रसर हैं। ऐसे में कृषि विभाग पहली बार राजमा दलहन खेती का विस्तार कर रहा है। विभाग ने 300 हेक्टेयर में राजमा की खेती विस्तार करने की पहल शुरू की है। सर्वप्रथम कृषि विभाग ने उपयुक्त क्षेत्रों का चयन कर करीब चार सौ किसानों की सूची तैयार कर उन्हें बीज उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। किसानों को राजमा की बोआई भी शुरू करने की सलाह दी है।
¨सचित खेतों में होगी राजमा की खेती : ठोस सिचाई व्यवस्थावाले क्षेत्रों में किसानों की समिति गठित की गई है। कमेटी के सदस्य गांव के शतप्रतिशत किसानों को राजमा दलहन खेती करने को प्रेरित कर रहे हैं। पशुओं से फसलों की सुरक्षा को ले कलस्टर क्षेत्र में खेती कार्य किया जा रहा है। जब शतप्रतिशत किसान अपने खेतों में फसल लगाएंगे तो किसान पशुओं को स्वयं नियंत्रण में रखेगा। कृषि विभाग ने अब तक विभिन्न पंचायतों के 18 कलस्टर क्षेत्र का चयन किया है। उक्त कलस्टर क्षेत्र के चार सौ किसानों को खेती विस्तार को ले कृषि विभाग ने निश्शुल्क राजमा बीज उपलब्ध कराया है। वहीं प्रखंड स्तरीय तकनीकी पदाधिकारी किसानों के साथ बैठक कर खेतों की तैयारी व राजमा बीज बोआई के बारे में जानकारी दे रहे हैं। जिले के छह प्रखंड की 18 पंचायतों में राजमा कि खेती की जानी है। प्रत्येक प्रखंड में तीन-तीन पंचायतों का कलस्टर निर्माण किया गया है।
---किसान बनेंगे आत्मनिर्भर : इसके पूर्व जिला में राजमा की खेती नहीं हो रही थी। जबकि स्थानीय बाजारों में राजमा की मांग बहुत है। वर्तमान समय में राजमा 110 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। राजमा खेती में 50-60 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है। प्रति हेक्टेयर 15-20 ¨क्वटल उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है। फसल के लिए कार्य मध्य नवम्बर से शुरू हुआ जो दिसम्बर के अंत तक जारी रहेगा। एक माह की अवधि में जिले के सभी चिह्नित भूमि में बोआई कार्य पूरा कराने में कृषि विभाग जुटा हुआ है। 110 दिन बाद फसल की कटाई होगी।
--- क्या कहते हैं पदाधिकारी : शतप्रतिशत किसानों को बीज उपलब्ध करा दिया गया है। किसान के खेतों में बोआई कार्य संपन्न कराने को ले प्रखंड तकनीकी पदाधिकारी व कृषक, आर्या मित्र पहुंच रहे हैं। विभागीय प्रयास है कि लक्ष्य के अनुरूप बोआई कार्य संपन्न हो ताकि दलहन उत्पादन में जिले को बेहतर पहचान मिल सके।
ब्रह्मादेव साह, जिला कृषि पदाधिकारी जामताड़ा।