सूखा में आकस्मिक खेती से मिलेगी राहत
जामताड़ा : सुखाड़ से प्रभावित किसानों को आकस्मिक खेती से राहत मिलेगी। स्थानीय किसानों को
जामताड़ा : सुखाड़ से प्रभावित किसानों को आकस्मिक खेती से राहत मिलेगी। स्थानीय किसानों को सरकार अनुदान पर बीज उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि विभाग ने यहां आकस्मिक खेती कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी दिशा में फिलहाल सरसों व मकई की खेती परती भूमि व संबंधित किसानों को चिह्नित किया जा रहा है। सरकार का निर्देश मिलते ही पहल होगी।
उल्लेखनीय है कि जिले की मुख्य फसल धान ही है। अधिकतर आबादी की निर्भरता इसी फसल पर रहती है। इस बार मॉनसून से दगा मिलने से धनरोपनी कम हुई है। कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग साठ फीसदी धनरोपनी हुई है। पानी के अभाव में खेतों में लगे धान के पौधे सूख रहे हैं। ऐसे में सुखाड़ की संभावना है। सूखा में स्थिति में आकस्मिक खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
हालांकि इस खेती में किन-किन
बीजों को बुआई में प्राथमिकता दी जाएगी, राज्य मुख्यालय में मंथन चल रहा है।
इस बीच विभागीय अधिकारियों की मानें तो जिले के जिन क्षेत्रों में धान का आच्छादन कम हुआ है या फिर ऊपरी भूमि परती पड़ी है, उन भूखंडों में किसानों से मकई व सरसों की खेती करायी जाएगी। मकई की एचक्यूपीएम प्रजाति की खेती इस इलाके में बारह महीने की जा सकती है। इसकी गुणवत्ता भी उच्च है। सरकारी नीति की घोषणा होने के बाद किसानों को आकस्मिक खेती के लिए 75 से 90 फीस तक अनुदान राशि मिल सकती है। किसानों को अनुदानित दर पर बीज मुहैया कराया जाएगा।
-किसानों का चयन ग्रामीण करेंगे: इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को आवेदन देना पड़ेगा। उसमें परती भूमि की पूरी जानकारी देनी होगी। वहीं किसानों का चयन उस इलाके के ग्रामीण ही करेंगे ताकि अनुदान का कोई बेजा इस्तेमाल न कर पाए। आवेदन मिलने के बाद कृषि विभाग की ओर से संबंधित किसानों का सत्यापन भी किया जाएगा।
- वर्जन : आकस्मिक खेती के लाभ किसानों को शीघ्र मिलेगा। जब तक इस बात सरकार की ओर से घोषणा नहीं हो जाती है तब तक किसान अपनी परती भूमि को चिह्नित कर जोताई कर लें। अभी जोताई करने से खेत में पड़े घास, खर-पतवार सड़कर खाद का काम करेगा। फिर योजना शुरू होने के साथ किसानों को बीज उपलब्ध करवा दिया जाएगा। जरूरतमंद किसानों को ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
-सबन गुड़िया, जिला कृषि पदाधिकारी।