नारायणपुर सीएससी में प्रसव के नाम पर रकम वसूली
नारायणपुर (जामताड़ा) : सरकारी अस्पताल में सरकार की ओर से निश्शुल्क प्रसव कराने की व्यवस्था
नारायणपुर (जामताड़ा) : सरकारी अस्पताल में सरकार की ओर से निश्शुल्क प्रसव कराने की व्यवस्था की गई है, लेकिन नारायणपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के नाम पर रकम वसूली का खेल चल रहा है। यहां प्रसव कराने अना है तो जेब में 660 रुपये रख ही पड़ेगा। इसका खुलासा शुक्रवार को प्रखंड के जरुआ गांव की हलीमा खातून ने उपप्रमुख दलगोविंद रजक के समक्ष किया है।
बता दें कि उपप्रमुख शुक्रवार को गुरुवार सीएचसी का निरीक्षण कर रहे थे। इसी दौरान प्रसूता हलीमा खातून ने कहा कि गुरुवार रात को प्रसव के लिए अपनी मां हसीना बानो के साथ यहां भर्ती हुई है। सफलतापूर्वक प्रसव हो गया। प्रसव के बाद ड्यूटी पर तैनात एनएम नीलम कुमारी व नंदनी कुमारी ने अस्पताल फी के रूप में 660 रुपये लिए। इसमें एएनएम ने 500 रुपये अपने पास रख लिए। टीकाकरण के लिए सौ रुपये व सफाई के नाम पर 60 रुपये लिया।
रेफर करने करने की देती हैं धमकी : अलिमा खातून ने बताया कि वह गरीब है। पैसा नहीं था इस कारण सरकारी अस्पताल आए। 660 रुपये नहीं देने पर एएनएम ने बाहर रेफर करने की धमकी दी और कहा कि वहां प्रसव में 20 हजार रुपये खर्च आएगा। इससे बचने के लिए रुपये दे दिया।
इतना ही नहीं अस्पताल में बेड पर बिछाने के लिए चादर और ओढ़ने के लिए कंबल नहीं दिया गया
डीसी से करेंगे शिकायत : उपप्रमुख ने कहा कि सरकारी अस्पताल में निश्शुल्क प्रसव कराने की व्यवस्था है, लेकिन गरीबों से रकम की वसूली करना गलत है। उपायुक्त को मामले से अवगत कराएंगे दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे। कहा कि यहां 12 वर्षो से एएनएम एक ही जगह पर है। इससे गलत कार्यो को बढ़ावा मिल रहा है। एएनएम का स्थानांतरण करने की मांग की है।
आंदोलन की भी चेतावनी दी : नारायणपुर प्रखंड की आबादी पौने दो लाख है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही सभी इलाज के लिए निर्भर हैं। अस्पताल की हालत ऐसी रहेगी तो लोग कहां जाएंगे। चिकित्सकों की कमी रहने से भी परेशानी बढ़ी है। कहा कि दोषी पर कार्रवाई नहीं होती है तो आंदोलन करेंगे।
वर्जन
जबरदस्ती किसी से रकम की वसूली नहीं करते हैं। मिठाई खाने के नाम पर रुपये लेते हैं। यह व्यवस्था पहले से ही चली आ रही है।
नंदनी कुमारी, एएनएम
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रकम वसूली करने की कोई जानकारी है। पीड़ित शिकायत करेंगी तो जांच के बाद एएनएम पर कड़ी कारवाई की जाएगी।
डॉ. बीके साहा, सिविल सर्जन