पश्चिम के पभंा से भारतीय संस्कृति को बचाएं
नारायणपुर (जामताड़ा) : प्रखंड के युगल विहार कुंज भैयाडीह में श्रीराम जन्मोत्सव पर मानस महा
नारायणपुर (जामताड़ा) : प्रखंड के युगल विहार कुंज भैयाडीह में श्रीराम जन्मोत्सव पर मानस महायज्ञ का आयोजन किया गया। रामनवमी के अवसर पर यहां नौ दिनों तक भजन, कीर्तन तथा प्रवचन होता है। क्षेत्र के कई गांवों के लोग आयोजन में शरीक होते हैं। प्रथम दिन के प्रवचन में युगल विहार कुंज भैयाडीह के महंत नवल किशोर शरणजी महाराज ने भक्तों को भगवान नारायण की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि जब-जब धरा पर पापियों का साम्राज्य स्थापित हुआ है तब-तब भगवान नारायण ने अवतार लेकर दुराचारियों का संहार किया है। जहां यज्ञ होता है आसपास की आबोहवा शुद्ध हो जाती है तथा भगवान का वास होता है। कहा कि बड़े भाग्य से हमें मानव जीवन मिला है इसलिए जब समय मिले 24 घंटे में एक घंटा प्रभु का स्मरण जरूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। उन्होंने मर्यादा की जो लकीर खींची है उसका अक्षरश: अनुपालन भी किया। अहंकारी रावण को जब यह लगने लगा था कि अब कोई उसका विनाश नहीं कर सकता है, वह सर्वशक्तिमान है तब भगवान नारायण ने उसका संहार कर धर्म की स्थापना की।
भगवान चाहते तो एक ही दिन में माता सीता की खोज करके रावण का संहार कर सकते थे परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया बल्कि वानर सेना के सहयोग से रावण का संहार कर एक संदेश दिया। आज देश में पाश्चात्य संस्कृति हावी है, इससे भारतीय संस्कृति को खतरा पैदा हो गया है। भारतीय संस्कृति अक्षुण्ण रहे, इसके लिए कार्य करने की आवश्यकता है। इसके लिए यज्ञ, सत्संग आवश्यक है। युगल किशोर शरण महाराज, दिनेश मिश्रा, राजेश मिश्रा, उमेश मिश्रा, मिथिलेश मिश्रा, प्राणेश मिश्रा आदि उपस्थित थे।