शब ए बरात के दूसरे दिन से घरों में पढ़ी गई नमाज
जामताड़ा वैश्विक कोरोना वायरस का प्रसार नहीं हो इस निमित वर्तमान समय में पूरे भारतवर्ष में लॉकडाउन लागू है। सरकार की तरफ से लोगों को घरों में रहने की अपील की जा रही है साथ ही सोशल डिस्टेंसिग रखने के लिए भी कहा जा रहा है। इसका अनुपालन शब ए बरात में देखने को मिला।
जामताड़ा : वैश्विक कोरोना वायरस का प्रसार नहीं हो इस निमित वर्तमान समय में पूरे भारतवर्ष में लॉकडाउन लागू है। सरकार की तरफ से लोगों को घरों में रहने की अपील की जा रही है, साथ ही सोशल डिस्टेंसिग रखने के लिए भी कहा जा रहा है। इसका अनुपालन शब ए बरात में देखने को मिला।
उलेमाओं और प्रशासन की अपील पर मुस्लिम समाज के लोग शब ए बरात के दिन घरों से नहीं निकले। लोगों ने घरों में ही इबादत कर बुजुर्गो को याद किया। इस दौरान कब्रिस्तान और मस्जिद सूने रहे। शब ए बरात के मौके पर मुस्लिम समाज ने दूसरे दिन भी घरों में इबादत की। बच्चे बुजुर्गो से लेकर परिवार के सभी सदस्यों ने कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए, मुल्क में अमन चैन की दुआएं मांगी। पाकडीह जामा मस्जिद के इमाम हाफिज कमरुद्दीन अंसारी ने बताया कि गुरुवार और शुक्रवार दो दिन, दिन भर रोजा रखा और इबादत के दौरान फतेहा की गई। शाम को हलवा मिठाईयां बनाने के साथ ही मरहूम के लिए फतेहा लगाई गई। इस दौरान घरों में मगरिब की नमाज और ईशा की नमाज पढ़ी। वहीं सुभाष चौक के जामा मस्जिद के इमाम मौलाना नजीरूद्दीन ने बताया कि शब ए बरात में 2 दिन का रोजा रखा जाता है और पूरी रात जागकर इबादत की जाती है। उन्होंने कहां की सभी लोगों ने सादगी के साथ शब ए बरात मनाए और अपने घरों में ही रहकर लॉकडाउन का पालन करते हुए शब ए बरात मनाया। उन्होंने कहा कि शब ए बरात में इबादत करनेवालों के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं इसलिए लोग शब ए बरात में अल्लाह की इबादत करते हैं और उनसे अपने गुनाहों को माफ करने की दुआ मांगते हैं।