कोरोना की शर्तों को लेकर पूजा बाजार प्रभावित
संवाद सूत्र मिहिजाम (जामताड़ा) कोविड-19 संक्रमण को लेकर एहतियात बरतने के लिए शासन-प्रशा
संवाद सूत्र, मिहिजाम (जामताड़ा): कोविड-19 संक्रमण को लेकर एहतियात बरतने के लिए शासन-प्रशासन ने बाजार में दुकान बंद करने की समय सीमा निर्धारित की है। इससे व्यवसायी वर्ग को आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है। दुर्गा पूजा के बाजार को लेकर शाम से देर रात तक दुकानों में ग्राहकों की भीड़ लगी रहती थी। जबकि रात नौ बजे तक ही दुकान खोलने की छूट है। अब व्यवसायी दुकान बंद करने का समय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
दुर्गा पूजा के लिए मौजूदा बाजार में रात नौ बजते ही दुकानें समेटने की प्रशासनिक शर्तों को लेकर दुकानदार चितित हैं। उनका कहना है कि देर शाम सात बजे के बाद ही ग्राहक खरीदारी के लिए घरों से निकलते हैं। उनके पहुंचने के साथ ही दुकान बंद करने का समय हो जाता है। ऐसी स्थिति में ग्राहक मन मुताबिक सामान भी नही देख पाते हैं और उन्हें बिना कुछ खरीदारी के ही लौटना पड़ता है। जबकि मिहिजाम बाजार से सटे सीमा क्षेत्र चितरंजन बाजार रात 11 बजे तक खुला रहता है। ऐसे में मिहिजाम के अधिकांश ग्राहक अब चितरंजन के बाजार की ओर रुख कर रहे हैं। इससे स्थानीय व्यवसायियों को नुकसान सहना पड़ रहा है। चित्तरंजन में कपड़ा, जूता, चप्पल, श्रृंगार आदि उपयोगी सामान को खरीदारी खूब हो रही है। जबकि लाखों रुपया की पूंजी लगाकर बैठे मिहिजाम के दुकानदार समय सीमा के कारण अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। वे दुर्गा पूजा, दीपावली व छठ महापर्व तक शासन-प्रशासन से दुकान बंद करने के समय को बढ़ा कर साढ़े दस या ग्यारह बजे रात तक करने की गुहार लगा रहे हैं।
क्या कहते हैं दुकानदार :
दुकानों में ग्राहकों के आने का समय शाम सात से आठ बजे तक होता है। और जिला प्रशासन की ओर से दुकान बंद करने की निर्धारित समय को देखते हुए 8:30 बजे से ही सामान समेटना को विवश होते हैं। -- विकास जैन, इलेक्ट्रॉनिक्स व्यवसायी ---कपड़े की दुकान है। ग्राहकों को कई तरह के कपड़े निकाल कर दिखाने पड़ते हैं। ऐसे में समय काफी जल्दी निकल जाता और ग्राहकों को संतुष्ट नहीं कर पाते। प्रशासन मिहिजाम बाजार में भी पूजा के दौरान 11:00 बजे रात तक दुकान खुली रखने का आदेश दे। --- बलवंत सिंह गांधी, कपड़ा व्यवसायी ---रात के समय ही दुकानदारी ज्यादरा होती है। महिलाओं की श्रृंगार का सामान लेने में समय लगता है। ऐसे में 9:00 बजे तक दुकानदारी नहीं होती। ग्राहक रहने के दौरान ही दुकान को बंद करना पड़ता है। पूजा उत्सव के दौरान कम से कम समय में छूट देने की जरूरत है।
--- अरबाज सिद्धिकी, श्रृंगार दुकानदार। ---जूता चप्पल की दुकान ऐसी दुकान है जहां माल को बाहर में सजा कर रखना पड़ता हैं। ग्राहक आते हैं तो कई तरह की सामग्री देखते हैं। उन्हें पसंद करने में काफी वक्त लगाता है। समय की कमी रहने के कारण दुकानदारी रात 9 बजे के पहले ही समेटना पड़ता है। ग्राहकों के लौटने से नुकसान हो रहा।
---- मोहम्मद फारुख शेख ,जूता-चप्पल व्यवसायी