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15वें वित्त आयोग से पंचायतों को मिले 1.86 करोड़ रुपये

मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) पंचायतों के समग्र विकास के लिए भारत सरकार से प्राप्त 15वें वित्त आ

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 04:55 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 04:55 PM (IST)
15वें वित्त आयोग से पंचायतों को मिले 1.86 करोड़ रुपये
15वें वित्त आयोग से पंचायतों को मिले 1.86 करोड़ रुपये

मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : पंचायतों के समग्र विकास के लिए भारत सरकार से प्राप्त 15वें वित्त आयोग की राशि को उप विकास आयुक्त ने पंचायतों को आवंटित किया। नारायणपुर प्रखंड के 25 पंचायत के लिए 1 करोड़ 86 लाख रुपये दिए गए हैं। इसकी जानकारी उप विकास आयुक्त ने प्रखंड विकास पदाधिकारी नारायणपुर को पत्र से दी है। अब पंचायतों में इस अनुदान राशि से विकास कार्य होने के रास्ते प्रशस्त होंगे। गांव में छोटी-छोटी योजनाएं ली जा सकेंगी। मुखिया ग्रामसभा में ली गई योजनाओं को धरातल पर उतारेंगे।

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---लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण की वजह से विलंब : गौरतलब हो कि भारत सरकार ने 15वें वित्त आयोग के बजट की प्रथम किस्त को विमुक्त किया है। इसके बाद दूसरी, तीसरी किस्त भी भेजी जाएगी। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। यह राशि वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली किस्त की है। यह राशि वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही आनेवाली थी लेकिन लॉकडाउन व कोरोना जैसे संक्रमण के खतरे से निबटने के लिए सरकार ने राशि देर से भेजी। अब पंचायतों को विकास कार्य करने के लिए पैसे का अभाव नहीं खलेगा। ग्राम पंचायत अपने अधीनस्थ गांव में विकास कार्य कर पाएगी। हालांकि गांव में मनरेगा से विकास कार्य हो रहे हैं, लेकिन मनरेगा में आधारभूत संरचनाओं का जीर्णोद्धार नहीं किया जा सकता है। छोटे-छोटे पक्के कार्य नहीं किए जाते हैं। गांव की जरूरत के अनुसार निर्माण कार्य की मंजूरी मनरेगा से नहीं हो पाती है। उसकी भरपाई के लिए ही ग्राम पंचायत इस मद का उपयोग करता है । इस मद से कहीं पेयजल संसाधन की मरम्मत का कार्य होता है तो कहीं छोटी-छोटी नाली, सड़क कलवर्ट आदि के निर्माण कार्य हो रहा है। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार बहुत जल्द ही यहां की पंचायतों में मुखिया की अगुवाईवाली पंचायत कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि इस राशि को किन योजनाओं में लगाया जाए। ज्ञात हो कि पिछले वित्तीय वर्ष में 14वें वित्त आयोग की राशि से सोलर आधारित जलापूर्ति योजना में बड़े पैमाने पर कार्य किया गया था। इसके अलावा पंचायतों में पीसीसी सड़क व नाली बनी थी। इस राशि से निर्मित योजनाएं गांव के लिए लाभकारी साबित हो रही हैं।

---15वें वित्त आयोग की राशि लाभुक समिति को नहीं दी जाएगी : सरकार की गाइड लाइन के अनुसार अब ग्राम पंचायत 15वें वित्त आयोग की राशि का चेक लाभुक समिति को नहीं देगी। अब योजना की राशि डीबीटी के माध्यम से वेंडर को जाएगी। वेंडर लाभुक समिति को योजना का मैटेरियल उपलब्ध करवाएगा। वहीं योजना में कार्य करनेवाले मजदूरों को भी डीबीटी के माध्यम से मजदूरी मिलेगी। इसमें नकदी का कोई प्रावधान नहीं है। ग्रामों में इस मद से जो विकास कार्य होंगे उसकी सारी सामग्री वेंडर देंगे।

---क्या कहते हैं अधिकारी : प्रखंड विकास पदाधिकारी महेश्वरी प्रसाद यादव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020 -21 में 15वें वित्त आयोग से आधारभूत अनुदान पंचायतों को भेज दिए गए हैं। गाइड लाइन के अनुसार ग्राम पंचायत को विकास कार्य करना है।


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