ओडिशा व गुजरात के खाताधारकों के पैसे उड़ानेवाले को लगी हड़कड़ी
जामताड़ा : साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए डीजीपी डीके पांडेय की ओर से मिली हिदायत के बाद बनी का
जामताड़ा : साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए डीजीपी डीके पांडेय की ओर से मिली हिदायत के बाद बनी कार्ययोजना पर साइबर थाना की पुलिस ने अमल शुरू कर दिया है। इसी बाबत एसपी डॉ जया रॉय के निर्देश पर साइबर डीएसपी सुमित कुमार व थाना प्रभारी बाल्मीकि ¨सह ने नारायणपुर के कठबरारी व डुमरिया गांव में घेराबंदी की। फिर डुमरिया के दक्षिण भाग खुले मैदान के समीप ईट भट्ठा में छिपकर मोबाइल से ओडिशा, गुजरात व यूपी के विभिन्न शहरों में बैंक खाताधारकों से उनका एटीएम का गुप्त ओटीपी नंबर लेकर ठगी का प्रयास करते दो साइबर आरोपितों को दबोचा। इनमें कठबरारी का मुरली मंडल व डुमरिया का रफाकत हुसैन है। दोनों के पास से तीन मोबाइल व पांच अतिरिक्त सिम कार्ड जब्त किया गया।
पुलिस के अनुसार दोनों महीनों से साइबर ठगी कर रहे थे। एसपी डॉ राय को गुप्त सूचना मिली थी, लेकिन छापेमारी में रंगेहाथ नहीं पकड़ा रह थे। इसी बीच रविवार को सटीक सूचना पर की गई छापेमारी में दोनों रंगेहाथ दबोचे गए। दोनों को सोमवार को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इसके पूर्व पुलिसिया पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे नारायणपुर प्रखंड कार्यालय के समक्ष वाहन की सीट बनाने का काम करते है। रफाकत ने बताया कि वह यूपी में अपने मामा के यहां सीट बनाने का काम सीखा था। उसके बाद यहां आकर अपनी दुकान खेल ली। इसी बीच वह दुकान के सामान के लिए कर्ज के बोझ से दबता गया तो आसानी से रुपये उड़ाने के लिए साइबर ठगी की राह पकड़ ली। वह यूपी के विभिन्न शहरों के बैंक खाता धारकों को लक्ष्य बनाकर उनको मोबाइल से फोन करता था फिर ओटीपी नंबर लेकर अपनी एम पैसा नामक इ-वॉलेट के जरिए ठगी कर उड़ाए गए रुपये जमा करता था। जबकि मुरली मंडल ने बताया कि वह पूना में एक वर्ष पहले काम करता था। वहां से लौटने के बाद उसकी दोस्ती हुसैन से हो गई और साइबर ठगी करने लगा। वह ओडिशा व गुजरात के बैंक धारकों को अपना निशान बनाता था। दोनों ने बताया कि अभी वे एक माह से ही साइबर ठगी कर रह थे जबकि साइबर डीएसपी सुमित कुमार ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद हर साइबर आरोपित यही कहता है कि वह हाल से ही यह अपराध कर रहा है जबकि सच्चाई है कि ये पुराने घाघ साइबर अपराधी हैं। दोनों के पास से जब्त मोबाइल में ठगी में उपयोग किए गए कई इ-वॉलेट में काफी साक्ष्य मिले हैं। मुरली मैट्रिक फेल है जबकि हुसैन अनपढ़ है। फिर भी उसे साइबर ठगी में महारत हासिल है।