Move to Jagran APP

नंदनकानन को पर्यटन स्थल बनाया जाए

पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के जन्मदिवस अवसर पर गुरुवार को उनकी 200 वीं जयंती नंदनकानन में मनाई गई। उनकी स्मृति में प्रभातफेरी निकाली गई। उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 10:53 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 06:36 AM (IST)
नंदनकानन को पर्यटन स्थल बनाया जाए
नंदनकानन को पर्यटन स्थल बनाया जाए

जागरण संवाददाता, जामताड़ा/ करमाटांड़ : पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के जन्मदिवस अवसर पर गुरुवार को उनकी 200 वीं जयंती नंदनकानन में मनाई गई। उनकी स्मृति में प्रभातफेरी निकाली गई। उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने विद्यासागर के धरोहर को संजोकर रखने पर बल दिया गया।

loksabha election banner

बुधवार मुख्यमंत्री रघुवर दास ने करमाटांड़ प्रखंड, करमाटांड़ थाना का नाम बदल कर पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर रखने की घोषणा की थी। इसके लिए सरकार को साधुवाद दिया गया।

विद्यासागर स्मृति रक्षा समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार बोस ने कहा कि नंदनकानन को पर्यटक स्थल बनाने की जरूरत है। यहां के सभी समुदाय के लोगों को एक साथ मिलकर विकास व उत्थान पर जोर देना होगा। पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने जिस उद्देश्य के लिए करमाटांड़ आए उसे साकार करने के लिए सभी को एकजुट होना होगा।

मुख्य अतिथि नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष सह भाजपा नेता वीरेंद्र मंडल ने कहा कि 26 सितंबर 1820 के दिन भारतीय समाज सुधारक महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रोफेसर ईश्वर चंद्र विद्यासागर का जन्म हुआ था। भारत के सभी प्राइमरी स्कूलों के पाठ्यक्रम में पढ़ाई के दौरान ईश्वरचंद्र विद्यासागर के बारे में बताया जाता है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि उनके आदर्शों का प्रभाव बचपन से ही बच्चों पर पड़े। उनका जन्म बंगाल के मेदिनीपुर जिले में एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था। लेकिन उन्होंने कभी इस चीज का प्रभाव अपने ऊपर पड़ने नहीं दिया। उन्होंने शिक्षा की दुनिया में ऐसा मुकाम हासिल किया कि अपने आप में मिसाल बन गया। समाज से जात-पात मिटान और स्त्री शिक्षा को लेकर काफी काम किया।

सचिव देवाशीष मिश्रा ने अपील की कि सभी लोग नंदनकानन परिसर के विकास व पंडित ईश्वरचंद की ख्याति बढ़ाने के दिशा में सहयोग करें। वक्ताओं ने रघुवर सरकार को करमाटांड़ का नामकरण विद्यासागर करने के लिए साधुवाद दिया। उपाध्यक्ष विद्रोह मित्र, सचिव तपन राय व सुनिर्मल दास, विद्यासागर स्थानीय सचिव देवाशीष मिश्रा, ऑल इंडिया बंगाली एसोसिएशन के तपन सेन गुप्ता, जमशेदपुर के श्रीलेदर कंपनी के मालिक शेखर दे, डीडी भंडारी, चंदन मु़खर्जी, सच्चिदानंद सिन्हा, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के काशीनाथ चटर्जी आदि थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.