आदिवासी धर्म कोड की मांग पर आंदोलन करेगा परगना सरदार महासभा
जामताड़ा आदिवासियों को धर्म कोड निर्गत करने की मांग के लिए 20 सितंबर को मानव श्रृंखला काय
जामताड़ा : आदिवासियों को धर्म कोड निर्गत करने की मांग के लिए 20 सितंबर को मानव श्रृंखला कार्यक्रम की तैयारी को लेकर बुधवार को मांझी परगना सरदार महासभा की बैठक किसान भवन में हुई, बैठक की अध्यक्षता मांझी परगना सरदार महासभा के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार हांसदा ने की।
बैठक में दूरी का पूरी तरह से पालन किया गया। मौके पर समन्वय समिति के राष्ट्रीय संयोजक अरविद उरांव ने कहा कि देश में 2021 में जनगणना होनी है, जिसमें भारत सरकार ने जनगणना फार्म से अन्य कॉलम हटा दिया है जो सही नहीं है। भारत सरकार आदिवासी को समूल नष्ट करना चाहती है। 2021 के जनगणना में जबरन आदिवासियों को हिदू लिखने के लिए मजबूर कर रही है। इसे कताई हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। आदिवासी हमेशा से प्रकृति पूजक रहा है और रहेगा। इसे कोई मिटा नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की पहचान धर्मकोड कॉलम वर्ष 1871 से 1951 तक अंकित था जिसे स्वतंत्र भारत में राजनीतिक साजिश के तहत समाप्त कर दिया गया। संघर्ष की बदौलत ही आदिवासियों के धर्म कोड को लागू कराने को राष्ट्रीय स्तर पर लड़ाई लड़नी है।
समन्वय समिति के मुख्य संयोजक सर्जन हांसदा ने कहा कि वर्तमान समय में हिदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, फारसी, यहूदी, लिगायत आदि अन्य धर्मों सहित अल्पसंख्यक को धर्म कॉलम है परंतु सिर्फ आदिवासी के धर्म कॉलम को खत्म करना उन्हें संवैधानिक एवं मौलिक हक से वंचित करना है। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सुनील कुमार बास्की ने कहा कि समाज को बचाने के लिए एकजुट होना होगा। 20 सितंबर को सिदो कान्हू चौक से सुभाष चौक तक मानव श्रृंखला बनाकर झारखंड सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन किया जाएगा ताकि आने वाला सत्र में विधानसभा मैं पारित करें। बैठक में नाजिर सोरेन, विनय कांत मुर्मू, श्यामलाल टुडू, विजेंद्र मुर्मू, जमादार सोरेन, साहेब लाल मरांडी, श्रीजल हेंब्रम, रवि हेंब्रम, चुनालाल मोहली, नरेंद्र नाथ टुडू, जीमोली बास्की, अशोक हेंब्रम सहित अन्य उपस्थित थे।