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आगजनी में पचास लाख का नुकसान

जामताड़ा : शहर के मां चंचला मंदिर में से सटे मां भगवती इंटरप्राइजेज एजेंसी के गोदाम में सोम

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 07:29 PM (IST)Updated: Tue, 25 Dec 2018 07:29 PM (IST)
आगजनी में पचास लाख का नुकसान
आगजनी में पचास लाख का नुकसान

जामताड़ा : शहर के मां चंचला मंदिर में से सटे मां भगवती इंटरप्राइजेज एजेंसी के गोदाम में सोमवार रात साढ़े नौ बजे लगी आग में तकरीबन पचास लाख रुपए का नुकसान हुआ है। घंटे भर में ही अग्निशमन दस्ता की ओर से आग बुझाने की कार्रवाई शुरू होने के बावजूद डिटर्जेट समेत खाद्य सामग्री का भारी नुकसान एजेंसी मालिक नरेंद्र उर्फ मुन्ना गुटगुटिया को उठाना पड़ा है। हालांकि एजेंसी के जरिए आपूर्ति की गई सामग्री बीमा युक्त रहने की जानकारी में सामने आई है। आगजनी की वजह प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट बताई गई है।

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---ये सामान जले : माचिस, सिगरेट, कुरकुरे, आटा, चॉकलेट, आटा, अगरबत्ती, सर्फ, साबुन आदि सामग्री जली है। एजेंसी मालिक मुन्ना गुटगुटिया ने बताया कि गोदाम के अंदर भारी मात्रा में खाद्य आदि सामग्री थी। तकरीबन पचास लाख का नुकसान हुआ है। आइटीसी, फेना व गोदरेज की की एजेंसी उनके पास थी। आशीर्वाद आटा 600 कुंटल, मंगलदीप अगरबत्ती, सुप्रिया, विवेल साबुन, डिटर्जेट आदि सामग्री अंदर थी। बीमा के सवाल पर कहा कि एजेंसी की तरफ से बीमा था।

---तीन दमकल समेत पांच प्रेशर वाहन भी रात में बुझा नहीं पाई आग : दरअसल गोदाम के अंदर आग कब लगी यह किसी को नहीं पता। रात साढ़े नौ बजे के लगभग जब गोदमा के मुख्य द्वार से आग की लपटें उठने लगीं तो घटना की जानकारी हुई। जिसकी सूचना तत्काल गोदाम मालिक व पुलिस को स्थानीय लोगों ने दी। सूचना पाते ही एसडीपीओ बीएन ¨सह, इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार ¨सह, वाल्मिकी ¨सह पहुंचे। एसडीओ उमाशंकर सिंह के अलावा एसपी शैलेंद्र कुमार सिन्हा भी पहुंच गए। घटना के आधे घंटे में दो दमकल भी पहुंच गए, पर तब-तक आग इतनी भयावह रूप ले चुकी थी कि गोदाम से सटे दूसरे मकानों की दीवारों तक लपटें पहुंचने लगीं। दमकल कर्मी रात 11 बजे तक आग पर नियंत्रण पाने की कोशिश में जुटे थे। इस बीच पानी खत्म होने पर दमकल जब पानी भरने गया, तो आधे घंटे के भीतर ही आग फिर बढ़ गई। बगल में रेलवे ओवरब्रिज में काम के लिए लाए गए मिक्चर मशीन युक्त दो प्रेशर वाहनों को भी पुलिस ने बुला लिया। इससे भी आग नियंत्रित नहीं हो पा रही थी। तब उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद के स्तर से चिरेका प्रबंधन से संपर्क साधा गया और वहां से उच्च क्षमता का दमकल रात एक बजे के लगभग पहुंचा। इन पांचों अग्निशमन दस्ता भी तत्काल आग को नियंत्रित नहीं कर पा रहा थे।

---आपदा प्रबंधन की पोल खुली : आगजनी की इस भीषण हादसा से जिला में आपदा प्रबंधन की व्यस्था की एक बार फिर पोल खुल गई, साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि बीच शहर में अगर आग का भीषण हादसा हो जाए तो कई घंटों में भी उसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता।

आग बुझाने में दमकल कर्मियों व पुलिस को सबसे बड़ी परेशानी बार-बार यह खड़ी हो रही थी कि जब तक दमकल में पानी रहा था तक तो आग बुझती रहती थी, पर जैसे ही पानी खत्म होता, लोगों को पसीना छूटने लगता था। टैंकर से पानी भरकर वहां दमकल को मुहैया करवाने या फिर दमकल भेजकर पानी के साथ आने में आधे घंटे का समय जाया हो जाता था। तब-तक आग की लपटें फिर से आसमान व आस-पास के घरों को छूने लगती थीं। इन्हीं परेशानियों के बीच सुबह तक आग की लपटें बुझायी जाती रही।

----चौतरफा जगह की कमी पड़ी : आग बुझाने के लिए प्वॉइंट पर जाने को दमकल कर्मियों को जगह नहीं सूझ रहा था। गोदाम के एक तरफ गली थी तो उसमें गोदाम से निकल रही आग का साम्राज्य था। ऐसे में कर्मी बगल की जांच घर से पानी का पाइप ले जाकर आग को नियंत्रित करने में लगे थे। चौतरफा जगह होती हो हर तरफ से पानी का प्रेशर डालकर रात में ही आग नियंत्रित कर लिया जाता। क्वीक रिसपोंस टीम भी सूचना के दो घंटे में पहुंची। जिस पर एसडीपीओ गरम भी हुए।

---गोदाम के अंदर से होने लगा सीरियल ब्लास्ट : कड़ाके की ठंड में घटना स्थल पर मौजूद प्रशासन के नुमाइंदों के पसीने तब और छूटने लगे जब गोदाम के अंदर से एक के बाद एक धमका होने लगा। साढ़े ग्यारह बजे से धमाका शुरू हुआ, जो साढ़े बारह बजे तक रुक-रुक कर होता रहा। पूछने पर गोदाम मालिक मुन्ना गुटगुटिया का कहना था कि चॉकलेट आदि का पैक जार अंदर रखा है। एयर टाइट डब्बा ही फट रहा है। वहीं अंदर खिड़कियों में लगे शीशे भी धमाके के साथ फूट रहे थे। दीवार फटने के दौरान भी धमाका हो रहा था। इन धमाकों की वजह से खुद की सुरक्षा में आसपास के मकान में रहने वाले परिजन सड़क पर आ चुके थे।

----वर्जन : मंगलवार दोपहर तक आग पूरी तरह से नियंत्रित कर ली गई। घटना की जांच रिपोर्ट उपायुक्त आदित्य कुमार आनद को सौंपी जाएगी। फिर उनके निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। कितना का नुकसान हुआ है इसकी लिखित जानकारी गोदाम मालिक ने नहीं दी है। ---उमाशंकर प्रसाद, एसडीओ, जामताड़ा


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