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श्रीकृष्ण जन्म लीला का वर्णन सुन श्रोता भावविभोर

कुंडहित (जामताड़ा) बनकाटी गौर गदाघर मंदिर प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा के छठे दिन शुक्रवार को भी भक्तों की भीड़ लगी रही। वृंदावन निवासी भागवत शास्त्री श्री श्री कृष्ण दास गोस्वामी बाबाजी महाराज ने श्रीकृष्ण जन्मलीला कथा का प्रवचन किया। कहा की कंस करागार में चंद्रवंश में देवकी के अष्टम गर्भ से श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 07:50 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 06:15 AM (IST)
श्रीकृष्ण जन्म लीला का वर्णन सुन श्रोता भावविभोर

कुंडहित (जामताड़ा) : बनकाटी गौर गदाघर मंदिर प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा के छठे दिन शुक्रवार को भी भक्तों की भीड़ लगी रही। वृंदावन निवासी भागवत शास्त्री श्री श्री कृष्ण दास गोस्वामी बाबाजी महाराज ने श्रीकृष्ण जन्मलीला कथा का प्रवचन किया। कहा की कंस करागार में चंद्रवंश में देवकी के अष्टम गर्भ से श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। जन्म के समय आकाशवाणी हुआ। आकाशवाणी के निर्देशानुसार वासुदेव कृष्ण भगवान को लेकर यमुना पार कर गोकुल में नंद बाबा के यहां पहुंचे। सुबह होते ही कंस कारागार में बच्चों की रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर कंस दौड़कर देवकी के कोख से बच्चा को छीना और जमीन पर पटकना चाहा तभी आकाशवाणी हुई कि वध करनेवाला गोकुल में पल रहा है। इधर गोकुल में नंदबाबा के यहां श्रीकृष्ण का जन्म होने पर उत्सव मनाया गया। उत्सव में नंद के आनन्द भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी देने घोड़ा देने और देने पाल्की, युवानन को लड्डू, बूड़ेन को राबड़ी, जय कन्हैया लाल की। युवनन को हाथी घोड़ा बूड़ेन को पालकी, नंद के आनन्द भयो जय कन्हैया लाल की। श्रीकृष्ण ने पुतना राक्षस, आकासुर, बाकासुर वध कर मथुरा में गमन कर कंस महाराज के कारागार में बंद पिता वासुदेव तथा माता देवकी को उद्धार किया। श्री श्री कृष्ण दास गोस्वामी बाबाजी महाराज का भागवत कथा शाम तीन बजे से रात आठ बजे तक बनकाटी गौर गदाधर मंदिर परिसर में विभिन्न लीलाओं का प्रवचन दे रहे हैं। महाराज के प्रवचन को सुनने के लिए दूर दराज से आए श्रद्धालु भागवत कथा में शामिल हो रहे हैं। शनिवार को सात दिवसीय भागवत कथा का समापन होगा। मौके पर गौरीशंकर अधिकारी, बनमाली अधिकारी, दीनबंधु फौजदार, प्रभाकार अधिकारी, श्रावणी पाल, यदुनंदन भंडारी सहित बनकाटी गांव के सोलहआना ग्रामवासी उपस्थित थे।

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