Move to Jagran APP

झूपर सिंह के हत्यारोपित को आजीवन कारावास

झूपर सिंह हत्यारोपित को आजीवन कारावास

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 04:01 AM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 04:01 AM (IST)
झूपर सिंह के हत्यारोपित को आजीवन कारावास
झूपर सिंह के हत्यारोपित को आजीवन कारावास

झूपर सिंह के हत्यारोपित को आजीवन कारावास

loksabha election banner

संवाद सूत्र, जामताड़ा : हत्या के एक मामले में अंतिम सुनवाई के पश्चात अपर जिला व सत्र न्यायाधीश तृतीय देवेश कुमार त्रिपाठी ने शुक्रवार को आरोपित हरेराम सिंह, गणेश सिंह और रेशमी देवी को आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की है। लोक अभियोजन बशीर अहमद खान ने बताया कि करमाटांड़ थाना क्षेत्र के मोहनपुर गांव की गीता देवी के दूर के रिश्तेदार के चचेरे भाई झूपर सिंह शादी का निमंत्रण देने 24 अप्रैल 2018 को आए थे। निमंत्रण के पश्चात शाम के समय गांव के राम सिंह उनके घर पहुंचे और झूपर सिंह को मेहमान नवाजी के बात कहकर मुर्गा खिलाने साथ ले गए। रात के समय जब झूपर सिंह वापस नहीं आए। सुबह सूचक गीता देवी झूपर सिंह को खोजने हरे राम सिंह के घर गए और उनके पिता जगदीश सिंह से पूछा तो कहा कि वह चला गया है। इतने में गांव में हल्ला होने लगा कि गांव के तालाब के उत्तरी भाग में एक व्यक्ति का शव है। जब सूचक वहां देखने गई तो पाया कि झूपर सिंह का शव है। जो औंधे मुंह पड़ा हुआ है और खून से लथपथ उसका चेहरा पत्थर से चूर किया हुआ है। इसके बाद सूचक गीता देवी हरेराम सिंह के घर गई तो देखा कि बीच आंगन में खून का धब्बा गिरा हुआ है जिसके ऊपर गोबर से लीपा गया है। खून का धब्बा मिलने पर पीछे की तरफ गई तो शौचालय के बगल में एक खटिया जलता हुआ पाया। जिसे लेकर गीता देवी ने पुलिस के समक्ष बयान दिया और बताया कि हरेराम सिंह कुछ दिन पहले तिलावनी में हुई एक्सीडेंट के मामले में 50000 रुपये मांगने आया था। जिसे लेकर विवाद हुआ था। वहीं इस घटना में अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाहों का बयान अदालत में कलमबद्ध कराया गया। अदालत ने सभी गवाहों का बयान लेने के पश्चात मामले को सही पाया और आरोपित हरे राम सिंह, गणेश सिंह और रेशमी देवी को भारतीय दंड विधान की धारा 302 में आजीवन कारावास और 10000 रुपये अर्थदंड की सजा भी मुकर्रर की है। अर्थदंड नहीं देने के एवज में छह माह अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्देश दिया है। वहीं भारतीय दंड विधान की धारा 201 में सात साल और 3000 रुपये अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है। अर्थदंड नहीं देने के एवज में तीन माह अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्देश दिया है। दोनों धारा की सजा साथ साथ चलेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.