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कुड़मी समाज ने अपने अधिकार के लिए किया प्रदर्शन

शैक्षणिक आर्थिक व बौद्धिक रूप से निचले पायदान पर चला गया कुरमी-कुड़मी समाज

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 04:02 AM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 04:02 AM (IST)
कुड़मी समाज ने अपने अधिकार के लिए  किया प्रदर्शन
कुड़मी समाज ने अपने अधिकार के लिए किया प्रदर्शन

कुड़मी समाज ने अपने अधिकार के लिए किया प्रदर्शन

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संवाद सहयोगी, जामताड़ा : अपनी लंबित मांगें के समर्थन में शुक्रवार को समाहरणालय के समीप मैदान में टोटेमिक कुरमी-कुड़मी समाज जिला इकाई का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। अध्यक्षता समाज के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज महतो ने किया, जबकि मंच का संचालन टोटेमिक कुरमी, कुड़मी विकास मोर्चा के जिलाध्यक्ष रवि महतो ने किया। इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज महतो ने कहा कि कुड़मी समाज विगत 72 वर्षों से अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित हैं। वे लगातार अपने हक और अधिकार के लिए आवाज उठाते रहे हैं, परंतु सरकार इस जनजाति की बात लगातार अनसुनी करती आ रही है। ऐसे में यह समाज बिल्कुल हाशिए पर चला गया है। शैक्षणिक आर्थिक और बौद्धिक रूप से बहुत निचले पायदान पर चला गया है। उन्होंने बताया कि सन 1770 के दशक में स्वर्गीय रघुनाथ महतो ने वर्तमान सिल्ली रामगढ़ और मानभूम में चुआड़ विद्रोह का नेतृत्व किया था और अंग्रेजों के नाकों दम करके रखा था। उन्हें फांसी दे दी गई। झारखंड आंदोलन में भी सबसे अधिक संघर्ष और बलिदान कुड़मियों ने किया, लेकिन झारखंड बनने के बाद उनके सपने और उनकी आकांक्षाओं पर पानी फिर गया। उन्होंने सरकार से यह मांग की कि कुड़मी जाति को अविलंब अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए। जिलाध्यक्ष रवि महतो ने बताया कि झारखंड के सभी जिलों में आज एक साथ कुड़मी समाज की ओर से राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों के माध्यम से मांग पत्र सरकार को सौंपा जा रहा है। सरकार इस पर अविलंब पहल करें अन्यथा आगामी 20 सितंबर से अनिश्चितकालीन रेल चक्का जाम किया जाएगा। जिला सचिव सुरेश महतो ने बताया कि कुड़मी जनजाति है और 1931 तक सभी प्रिमिटिव ट्राइब्स के साथ कुड़मी भी सूचीबद्ध थी जिनके सारे कागजात सरकार के रिकार्ड में है। फिर भी उन्हें 1950 में अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं किया गया । उस समय से यह जनजाति लगातार अनुसूचित जनजाति में शामिल होने के लिए संघर्षरत है। जामताड़ा प्रखंड अध्यक्ष सुरेश महतो , कांता महतो ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर केंद्रीय उपाध्यक्ष संजू महतो झूमर संगीत विशेषज्ञ झरी लाल महतो जिला प्रभारी अष्टम महतो, उपाध्यक्ष मानिक महतो, जानकी महतो, वनलता, मेनका देवी, खोखी देवी, राधिका, आरती देवी, दीपक महतो, राजेश महतो, राजू, बबलू, झंटू, दिवाकर, सुबोध, मधु, संजय, अभिषेक, प्रवीण, अनिल, नारायण, किशोर, जियाराम, अजय, अभिषेक, मधु शंकर समेत अनेक समाज के अनेक सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त जामताड़ा को मांग पत्र सौंपा।


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