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जानते की रास्ते में होगा इतना कष्ट, तो केरल से नहीं निकलते

कुंडहित (जामताड़ा) पेट में भूख व पैरों में छाले का दर्द माथे पर समान की गठरी लिए केर

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 06:36 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 06:36 PM (IST)
जानते की रास्ते में होगा इतना कष्ट, तो केरल से नहीं निकलते
जानते की रास्ते में होगा इतना कष्ट, तो केरल से नहीं निकलते

कुंडहित (जामताड़ा) : पेट में भूख व पैरों में छाले का दर्द, माथे पर समान की गठरी लिए केरल से बिहार अपने घर की ओर जा रहे हैं। रास्ते पर खाने पीने की व्यवस्था तक नहीं मिली। लगातार सात दिनों से पैदल चल रहे हैं। दुमका होते हुए बिहार जाना है। बिहार के वैशाली जिले के 14 मजदूरों की टोली ने उक्त परेशानी को जिक्र करते हुए बुधवार को बताया कि सात दिन से केरल से पैदल चलकर घर की ओर बढ़ रहे हैं। कहीं-कहीं किसी को दया आई तो ट्रक पर चढ़ा दिया। स्थानीय बरमशिया मोड़ से गुजरते हुए मजदूरों ने बताया कि केरल से चोरी-छिपे रास्ते से पैदल चलकर आ रहे हैं। रास्ते में खाने पीने की दुकान मिली तो कुछ खा लिए नहीं तो भूखे चलते रहे। दो-तीन स्थानों में लोगों ने खाना दिया। बंगाल के रास्ते में कुछ भी सहयोग नहीं मिला। बताया कि केरल में एक बिल्डर कंपनी में दैनिक मजदूरी का काम करते थे। लॉकडाउन में भी कंपनी का कार्य जारी था। लेकिन उस क्षेत्र में कोरोना संक्रमित मरीज की संख्या बढ़ने से वहां से निकल गए। रास्ते में इतना कष्ट होगा नहीं सोचे थे। अन्यथा निकलने के पहले जरूर सोचते।

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