सरकारी आवासों से बेदखल होंगे ठेकाकर्मी
जामताड़ा : जिला व प्रखंड मुख्यालय में स्थित पदाधिकारी व कर्मचारियों के आवासों से ठेकाकर्मियों का कब्ज
जामताड़ा : जिला व प्रखंड मुख्यालय में स्थित पदाधिकारी व कर्मचारियों के आवासों से ठेकाकर्मियों का कब्जा हटाया जाएगा। ऐसे ठेकाकर्मी के कब्जे से सरकारी आवासों को नियंत्री पदाधिकारी के लाख प्रयास के बाद भी मुक्त नहीं कराया जा सका है। नतीजतन पदाधिकारी व कर्मियों को आवासन में दिक्कत हो रही है। सरकारी आवास रहने के बावजूद सरकार को अधिकारी व कर्मियों को आवास भत्ता का भुगतान करना पड़ रहा है। डीसी आदित्य कुमार आनंद के संज्ञान में मामला आया है। इसके बाद उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी व जिला स्तरीय पदाधिकारी से कुल आवास की संख्या, आवंटन की स्थति, अवैध कब्जा युक्त आवासों की संख्या के साथ पूरी विवरणी तलब की है।
क्या है मामला : समाहरणालय रोड स्थित सरकारी आवास एवं सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में स्थिति पदाधिकारी व कर्मचारियों के सरकारी आवासों पर संविदा कर्मियों का कब्जा वर्षों पूर्व से है। इसी का परिणाम है की प्रखंड में पदस्थापित पदाधिकारी व कर्मचारियों को सरकारी आवास आवंटित नहीं हो पाता है। पदाधिकारी व कर्मचारी आवास नहीं मिलने का बहाना बनाकर पदस्थापित क्षेत्र में आवासन नहीं करते है। ये पदाधिकारी व कर्मचारी देवघर, दुमका, धनबाद में आवासन सुनिश्चित कर रखा है। ऐसे में आपातकालीन विभागीय कार्य बाधित होता रहता है। कई क्षेत्रों में विकास कार्य के साथ साथ विधि व्यवस्था दुरुस्त रखने में वरीय अधिकारी को परेशानी होती है।
प्रखंड परिसर स्थित आवास या फिर जिला मुख्यालय, अधिकतर आवासों में विभिन्न श्रेणी के संविदा कर्मी का कब्जा है। नियंत्री पदाधिकारी ने संविदा कर्मियों से आवास को कब्जा मुक्त कर पदस्थापित पदाधिकारी व कर्मचारियों को आवंटित करने का प्रयास कई बार किया लेकिन इस दिशा में नियंत्री पदाधिकारी को सफलता नहीं मिली। दर प्रखंड परिसर के सरकारी आवासों में जिला स्तरीय संविदा कर्मियों के साथ दैनिक वेतन भोगी चालकों का कब्जा है। अन्य प्रखंड परिसर के आवास में रोजगार सेवक, पंचायत सेवक, कम्प्यूटर आपरेटर का कब्जा है। समाहरणालय रोड में स्थित जिला स्तरीय पदाधिकारी व कर्मचारियों के लिए निर्मित आवासों में भी संविदा कर्मी समेत अन्य विभाग के कर्मियों का अवैध कब्जा है।
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अवैध कब्जा से राजस्व की क्षति
सरकारी आवास में रहने वाले पदाधिकारी व कर्मियों के वेतन मद से आवास भत्ता कटौती कर उस राशि को सरकार के खाते में जमा करने का प्रावधान है। अगर पदाधिकारी व कर्मचारियों को सरकारी आवास की सुविधा नहीं मिलती है तो उन्हें उसे वेतन राशि के अतिरिक्त आवास भत्ता का भुगतान भी किया जाता है। ठेकाकर्मियों को आवास आवंटित का प्रावधान नहीं है। इसी कारण इन्हें आवास भत्ता नहीं मिलता है।
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