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खेती की नई तकनीक बताएं किसान मित्र

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक अजय कुमार सिंह ने बुधवार को प्रखंड मुख्यालय स्थित कृषि फॉर्म परिसर में प्रमंडलस्तरीय बैठक की उन्होंने दुमका प्रमंडल के विभिन्न जिलों से पहुंचे जिला कृषि पदाधिकारी आत्मा निदेशक किसान मित्र व बीटीएम के साथ अलग-अलग बैठक कर कृषि कार्यों को बढ़ावा देने व नई तकनीक का लाभ किसानों को देने का निर्देश दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 11:13 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 06:12 AM (IST)
खेती की नई तकनीक बताएं किसान मित्र
खेती की नई तकनीक बताएं किसान मित्र

संवाद सहयोगी, नाला (जामताड़ा) : कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक अजय कुमार सिंह ने बुधवार को प्रखंड मुख्यालय स्थित कृषि फॉर्म परिसर में प्रमंडलस्तरीय बैठक की उन्होंने दुमका प्रमंडल के विभिन्न जिलों से पहुंचे जिला कृषि पदाधिकारी, आत्मा निदेशक, किसान मित्र व बीटीएम के साथ अलग-अलग बैठक कर कृषि कार्यों को बढ़ावा देने व नई तकनीक का लाभ किसानों को देने का निर्देश दिया।

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निदेशक ने कहा कि क्षेत्र में खेती लायक जमीन किसी भी हालत में परती नहीं रहनी चाहिए। मिट्टी के अनुसार फसल को उपजाना है। इसके लिए बेहतर तकनीक की जानकारी रखें। किसान मित्रों से कहा कि यहां के लिए कौन-कौन मिट्टी किस फसल के लिए बेहतर है की जानकारी किसानों तक पहुंचाएं। इस दिशा में बीटीएम व जिला के पदाधिकारी पहल करें। उन्होंने खेती कार्यों के विकास के लिए नई तकनीक अपनाने, हाई ब्रीड धान की खेती करने को किसानों को जागरूक करने का निर्देश दिया। बीटीएम व जिला कृषि पदाधिकारियों को धरातल पर काम कर किसानों के बेसिक जानकारी देने, किसानों को जमीन के मुताबिक खाद-बीज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। कहा कि किसानों को उपलब्ध बीज की गुणवत्ता की जानकारी देने की जिम्मेदारी बीटीएम की है। इसका बखूबी निर्वहन करें।

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किसानों ने अनुभव साझा किए : कृषक विमल कांत घोष ने बताया कि घर के आंगन में ही परती जमीन में ओल की बेहतर खेती वे करते हैं। एक-एक ओल का वजन 20 से 30 किलो तक होता है। इससे अच्छी आमदनी भी होती है। नाला निवासी बोमनाथ मंडल ने बताया कि करीब दस बीघा जमीन में झिगा, लक्की, करेला, आलू , प्याज आदि फसल की खेती उन्होंने की है। बताया कि उनके टोला में एक भी किसानों को प्याज नहीं खरीदना पड़ता है। उनसे प्रेरित होकर अन्य किसानों ने भी प्याज की खेती शुरू की। उन्होंने गुजरात में खेती की सीख ली है। वहां से लौटकर सुकसागर किस्म के प्याज की खेती कर रहे हैं।

बैठक में जामताड़ा जिला के छह प्रखंड अंतर्गत नाला, कुडहित, फतेहपुर ,नारायणपुर ,करमाटांड़ व जामताड़ा के बीटीएम ने भाग लिया। निदेशक ने बताया कि जामताड़ा जिला के किसान मित्र व किसान पढ़े लिखे हैं। सभी प्रखंडों में तकनीकि विकास सहज तरीका से हो सकता है। याहं के किसान काफी सुझ-बुझ के साथ कृषि कार्यों को आगे बढ़ाने का काम करते है। आसानी से इस क्षेत्र का कृषि कार्यों में तकनीकि विकास संभव है।


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