दिव्यांगता से हार नहीं मानें, पहचान बनाएं
जामताड़ा : तू कर हौसला बुलंद इतना कि ऊंचाई अभी छोटी से छोटी पड़ जाए, खुद को कर मजबूत
जामताड़ा : तू कर हौसला बुलंद इतना कि ऊंचाई अभी छोटी से छोटी पड़ जाए, खुद को कर मजबूत इतना कि, परेशानियां भी तेरे पास आने से घबराएं, मनुष्य दिव्यांग नहीं होते उसकी मानसिकता दिव्यांग होती है। यह बातें सोमवार को रेडक्रॉस सभागार में विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव बिपिन बिहारी गौतम ने कही। कहा कि शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति कभी हार न मानें, समाज की उपेक्षा को सहर्ष स्वीकार कर अपनी एक अलग पहचान बनाएं। हौसला और साहस से सफलता की इबारत लिखी जाती है। दिव्यांग जनों के मदद के लिए शासन स्तर से भी अनेक योजनाओं का लाभ दिया गया है, बावजूद भी कई ऐसे दिव्यांग हैं, जिन्होंने खुद के दम पर आर्थिक दृढ़ता हासिल की है। आज के समय में देखा जा रहा है कि दिव्यांग के लिए सभी सरकारी कार्यालयों और दफ्तर में रेंप बनाए गए हैं, पेंशन दी गई है, समय-समय कृत्रिम अंग उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बावजूद भी स्वयं को सक्षम बनाना है और जो दिव्यांग व्यक्ति है वह अपनी दिव्यांगता से हार न माने। अगर कोई ऐसी समस्या आती है तो जिला विधिक सेवा प्राधिकार को एक आवेदन दें। जिला विधिक सेवा प्राधिकार हर एक कदम के साथ है। आवेदन पर सुनवाई करते हुए उचित लाभ दिलाया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ. बीके साहा ने कहा कि आज झारखंड राज्य में दिव्यांगों को जो सुविधा दी जा रही है वह देश के किसी कोने में भी नहीं है। दिव्यांगों के साथ कभी भेदभाव नहीं होना चाहिए। वे प्यार और स्नेह के पात्र हैं। शरीर से अक्षम है चलने-फिरने में भी और उनकी सोच में भी कमी रहती है। ऐसे लोगों को समाज के लोग तिरस्कार न करें उन्हें अपने ही समाज में रहने दे। इधर-उधर न भटकने दें। वहीं रेड क्रॉस सभागार में कई दिव्यांगों और आंगनबाड़ी सेविकाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सहायक श्याम नंदन सहाय ने किया। इस मौके पर रेडक्रॉस के सचिव राजेंद्र शर्मा, राजा अजीत ¨सह, समाजसेवी पशुपति देव, संदीप गुप्ता, अमित कुमार, अमित मिश्रा, गुरदेव ¨सह आदि मौजूद थे।