साइबर अपराधी के बैंक खाते को ईडी ने किया जब्त
cyber criminal. प्रवर्तन निदेशालय ने आय से अधिक अर्जित करने के मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की है।
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा)। प्रवर्तन निदेशालय ने आय से अधिक अर्जित करने के मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम एसबीआई मुरलीपहाड़ी पहुंचकर नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव के साइबर अपराधी प्रदीप मंडल के पिता गणेश मंडल, भाई दिनेश मंडल सहित एक अन्य सदस्य के बचत खाते में जमा लगभग एक लाख रुपया जब्त कर लिया। टीम ने उक्त तीनों लोगों के खाते की राशि को ईडी के नाम से डिमांड ड्राफ्ट बनाकर सील कर दिया।
क्षेत्र के मास्टर माइंड साइबर अपराधी प्रदीप मंडल ने अपने दिमागी उपज से बैंक अधिकारी बनकर 80 लाख से अधिक राशि अर्जित की है। देश के विभिन्न राज्यों के लोगों से पैसे की ठगी कर अकूत संपत्ति उसने बनाई। इसी संपत्ति से बड़े एवं भव्य मकान, वाहन, कपड़े की दुकान, जेवरात आदि बनाया। इनकी संपत्ति को देख कर जामताड़ा के पूर्व पुलिस अधीक्षक डॉ. जया राय ने प्रदीप मंडल सहित अन्य और अपराधी का केस ईडी को सौंपा। प्रवर्तन निदेशालय ने इनके केस को दर्ज कर करीब एक वर्ष तक मामले की छानबीन की। अब तक तीन से चार बार मिरगा व लतैया गांव पहुंच कर सभी अपराधियों की संपत्ति के आयश्रोत को खंगाला। इसी क्रम पांचवीं बार प्रवर्तन निदेशालय की टीम साइबर अपराधी का घर न जाकर बैंक पहुंचे और प्रदीप के परिजनों के खाते में जमा राशि को जब्त किया। ज्ञात हो कि प्रदीप मंडल एवं गणेश मंडल ने अपना पक्ष दिल्ली दफ्तर में वकील के माध्यम से रखा था।
इन्हें आय का मजबूत श्रोत बताने में कठिनाई हुई। इनके सफाई से प्रवर्तन निदेशालय संतुष्ट नहीं हुई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने जवाब संतोषजनक नहीं होने पर आगे की कार्रवाई जारी रखी। यही कारण है कि इनकी सारी संपत्ति पर ईडी की नजर है। प्रदीप मंडल का परिवार आज से 10 वर्ष पूर्व गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करता था इनके पिताजी बूचड़खाना चलाते थे मामूली खस्सी के दुकान चलाने से इतनी बड़ी संपत्ति अर्जित नहीं हो सकती है। इससे प्रवर्तन निदेशालय भी संतुष्ट हुई। साइबर अपराध के माध्यम से अकूत संपत्ति अर्जित करनेवाले प्रदीप मंडल पैर से तो निश्शक्त हैं परंतु दिमाग शातिर है। इन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल कर एक छोटे से गांव में साइबर अपराध का जाल फैलाकर अपने परिवार को गरीबी रेखा से उठाकर लखपति बना दिया।
क्षेत्र में इनकी संपत्ति की चारों ओर चर्चा है। लोग इस बात से आश्चर्यचकित हैं कि प्रदीप मंडल साइबर अपराध की दुनिया में आया कैसे? हालांकि छोटी सी ही रकम सही, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई कर क्षेत्र के साइबर अपराधियों को एक संदेश दिया है। यदि बिहार के तर्ज पर इनके मकान, दुकान व अन्य संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय जब्त करने लगे तो क्षेत्र में साइबर अपराध का कलंक धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा। साइबर के काले कलंक ने नारायणपुर थाना क्षेत्र को वर्षों से बदनाम कर रखा है। 10 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के तक के युवा इससे जुड़े रहे हैं। हालांकि पुलिस के बार-बार प्रयास से बहुत हद तक इसमें विराम लगा है लेकिन नए-नए तकनीक के माध्यम से अभी क्षेत्र में साइबर अपराध जारी है। प्रवर्तन निदेशालय के इस कार्रवाई ने साइबर अपराधियों की कमर तोड़ने की काम प्रारंभ किया है।
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