अंडे को घर लाकर कोरोना संक्रमण को करें बाहर
जामताड़ा कोरोना संक्रमण से बचाव को अंडा की खरीदारी घर-घर बढ़ गई है। वो इस चिकित्सक
जामताड़ा : कोरोना संक्रमण से बचाव को अंडा की खरीदारी घर-घर बढ़ गई है। वो इस चिकित्सकीय सोच के सोच के साथ कि अंडा खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसीलिए इस जिले में लॉकडाउन के बाद से अंडे की घरेलू खपत बढ़ने लगी है। वर्तमान समय में 25 प्रतिशत अंडा की घरेलू खपत बाजार में देखी जा रही है। लॉकडाउन के कारण जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में होटल, रेस्तरां, ढाबा, ठेला, चार्ट-चाउमिग दुकान के अलावा स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहने के कारण अंडा के आवक के साथ संस्थागत बिक्री घटी है, परंतु घरों में इसकी मांग बढ़ी है। अंडा की कीमत पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ी भी नहीं है। पांच रुपये प्रति अंडा बाजार में आसानी से मिल रहा है।
---अब कम दाम में मिल रहा अंडा : लॉकडाउन के पूर्व छह रुपये प्रति अंडा बिकता था। वर्तमान समय में पांच रुपये पीस अंडा बिक रहा है। जामताड़ा जिला के थोक विक्रेता किशोर गुप्ता बताते हैं कि लॉकडाउन के पूर्व जिले में करीब अस्सी हजार अंडा की बिक्री प्रतिदिन होती थी। जिले में तीन-चार थोक विक्रेता हैं। लेकिन पहला, दूसरा तथा तीसरा लॉकडाउन में तो खपत से जुड़ी सभी दुकानें बंद रहीं। चौथे लॉकडाउन में भी यही स्थिति है। लोगों की आवाजाही भी बंद रही। ऐसे में बिक्री घटी है पर घरेलू खपत को लेकर अंडा की खुदरा बिक्री बढ़ी है। चौथा लॉकडाउन में आंशिक छूट मिलने पर अंडा की बिक्री और ज्यादा बढ़ी है। लोग घरेलू उपयोग के लिए अंडा की खरीदारी कर रहे हैं। इस वजह से कि यह सब्जी से सस्ती है कि मीट व मुर्गा का भी विकल्प बच चुका है।
दूसरे विक्रेता पिटू कहते हैं कि अंडा का बाजार नहीं है। खुदरा बिक रहा है। थोक में बिक्री इसलिए बंद है कि होटल बंद है। अंडा का दाम पिछली दर की तुलना में एक रुपये पीस कम हुआ है। कहा कि जिले में आसनसोल व धनबाद से अंडा की आपूर्ति होती है। अंडा बनाने की लागत नहीं कह सकते। हां अंडा की ढुलाई दर दोगुनी जरूर हो गई है। लॉकडाउन के कारण वाहन खर्च बढ़ गया है।
---कोरोना संकट में गर्मी में भी अंडा की मांग बढ़ी : पॉल्ट्री से ज्यादा देसी अंडों की मांग : शहर के विभिन्न चौक-चौराहों में अंडा के खुदरा विक्रेता निजाम अंसारी, दुलाल मंडल, करीम शेख, सोहन मंडल, रविलाल दास आदि ने बताया कि जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में पॉल्ट्री से अधिक देसी अंडा की मांग हो रही है। लोगों का कहना है कि देसी अंडों का स्वाद पॉल्ट्री अंडा से अच्छा होता है, लेकिन देशी अंडा की उपलब्धता आवश्यकता से काफी कम है। इसी कारण लोगों को सहज उपलब्ध नहीं हो पाता है। अगर किसी दुकान पर देसी अंडे दिखाई पड़ते हैं तो तत्काल ग्राहक उसे खरीद लेते हैं। हालांकि गर्मी में अंडा की बिक्री में कमी होती थी लेकिन कोरोना काल में बिक्री बढ़ी है। सब्जी का सबसे बड़ा विकल्प मांसाहारी के लिए अंडा बन चुका है।
---- बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता : कोरोना संक्रमण के इस संघर्ष में बचाव को रोग प्रतिरोधक क्षमता हर व्यक्ति के शरीर में बढ़ाना जरूरी है। इसका एक अहम उपाय अंडा का सेवन है। कोरोना से लड़ाई के लिए प्रत्येक शरीर को प्रोटीन की आवश्यकता है। इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। ऐसे में अंडे का सेवन फायदेमंद है। खुले में बिकने वाले मछली, मांस से अंडा को ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है। उबाले अंडा का उपयोग अधिक बेहतर होगा क्योंकि उबालने के क्रम में खराब अंडा की पहचान हो जाती है।
डॉ. दुर्गेश झा, प्रभारी जिला कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल उदलबनी।